नई दिल्ली: तुलसी विवाह का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान विष्णु के अवतार शालिग्राम से किया जाता है। इसे कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जिसे देवउठनी एकादशी भी कहते हैं। इस साल ये पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
1. स्नान और पूजा: इस दिन सुबह स्नान करके तुलसी पौधे को गंगाजल से स्नान कराएं और उस पर चंदन, कुमकुम और फूल अर्पित करें।
2. तुलसी विवाह की तैयारी: तुलसी के पास शालिग्राम की प्रतिमा या तस्वीर रखें और उनका विधिपूर्वक पूजन करें। उन्हें पीले या लाल वस्त्र पहनाकर सजाएं।
3. दीप जलाएं: तुलसी विवाह के दिन तुलसी के पास दीपक जलाना शुभ माना जाता है, जो परिवार में सुख-समृद्धि लाता है।
4. भजन-कीर्तन: इस अवसर पर भजन-कीर्तन कर सकते हैं। इससे वातावरण में सकारात्मकता बनी रहती है।
5. व्रत रखें: बहुत से लोग इस दिन व्रत रखते हैं, इसे देवउठनी एकादशी का व्रत भी कहा जाता है। व्रत से पुण्य की प्राप्ति होती है।
1. मांसाहार और मद्यपान: तुलसी विवाह के दिन मांसाहार और मद्यपान से दूर रहें। इसे अशुभ माना जाता है।
2. विवाह या मांगलिक कार्य न करें: इस दिन तुलसी माता का विवाह होने के कारण अन्य कोई मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।
3. तुलसी के पत्ते न तोड़ें: तुलसी विवाह के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। इस दिन तुलसी माता का विशेष पूजन होता है, इसलिए पत्तों को नुकसान न पहुँचाएं।
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