नई दिल्ली: तुलसी की पूजा और उसका धार्मिक महत्व हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखता है। श्रीकृष्ण की पूजा में तुलसी का उपयोग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आइए तुलसी की पूजा के महत्व और इसके प्रभावों को विस्तार से समझते हैं।
1. पवित्रता और शुद्धता: तुलसी को अत्यंत पवित्र और शुद्ध माना जाता है। यह सभी प्रकार के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में सक्षम है।
2. भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की प्रिय: तुलसी को भगवान विष्णु और उनके अवतार श्रीकृष्ण की परम प्रिय माना गया है। ऐसी मान्यता है कि तुलसी के बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है।
3. धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग: पूजा, हवन और धार्मिक अनुष्ठानों में तुलसी का पत्ता आवश्यक माना जाता है। तुलसी दल का उपयोग अभिषेक और प्रसाद में भी किया जाता है।
1. भगवान की प्रसन्नता: मान्यता है कि तुलसी की पूजा करने से श्रीकृष्ण अत्यंत प्रसन्न होते हैं। तुलसी पत्र अर्पण करने से भगवान का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
2. कृपा और समृद्धि: तुलसी की नियमित पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। इसे करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
3. स्वास्थ्य लाभ: धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ, तुलसी में औषधीय गुण भी होते हैं। तुलसी का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है और कई बीमारियों से रक्षा करता है।
1. तुलसी को जल अर्पण: प्रतिदिन सुबह तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें।
2. दीपक जलाएं: संध्या के समय तुलसी के पास दीपक जलाएं।
3. मंत्र जाप: तुलसी के पास बैठकर “ॐ श्री तुलसिकायै नमः” मंत्र का जाप करें।
4. भगवान को तुलसी पत्र अर्पित करें: श्रीकृष्ण या विष्णु भगवान को तुलसी पत्र अर्पित करें।
तुलसी विवाह: तुलसी विवाह कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है, जिसे देवउठनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के विवाह की प्रतीकात्मक पूजा की जाती है।
तुलसी की पूजा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास के लिए भी अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए तुलसी की पूजा एक सरल और प्रभावी साधन है।
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