नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो घर के निर्माण और वस्तुओं के स्थान के बारे में दिशानिर्देश प्रदान करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर वस्तु का स्थान और दिशा का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। इसी कारण हमारे लिए इस बात को जानना भी बहुत जरूरी है […]
नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो घर के निर्माण और वस्तुओं के स्थान के बारे में दिशानिर्देश प्रदान करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर वस्तु का स्थान और दिशा का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। इसी कारण हमारे लिए इस बात को जानना भी बहुत जरूरी है कि क्या अलमारी के बाहर शीशा लगाना शुभ है या फिर अशुभ। इसका भी वास्तु शास्त्र में विस्तार से वर्णित है। आइए जानते हैं इसके प्रभाव और उपाय?
1. वास्तु शास्त्र में शीशे का महत्व: वास्तु शास्त्र में शीशे का विशेष स्थान है। शीशा न केवल सजावट का एक साधन है, बल्कि इसका सीधा संबंध ऊर्जा से भी है। शीशा ऊर्जा को प्रतिबिंबित करता है और इसे घर में सही दिशा में लगाना महत्वपूर्ण होता है। गलत दिशा में लगा शीशा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है, जिससे जीवन में परेशानियाँ बढ़ सकती हैं।
2. अलमारी के बाहर शीशा लगाना: अलमारी के बाहर शीशा लगाने की परंपरा आजकल के आधुनिक घरों में काफी लोकप्रिय हो गई है। यह स्थान की बचत और सौंदर्य के लिहाज से एक अच्छा विकल्प माना जाता है। लेकिन, क्या यह वास्तु शास्त्र के अनुसार सही है?
1. नकारात्मक ऊर्जा का प्रसार: यदि अलमारी का शीशा सीधे बेड के सामने हो, तो यह नकारात्मक ऊर्जा का प्रसार कर सकता है। रात में सोते समय, जब शरीर आराम की स्थिति में होता है, तो इस समय शीशा उस ऊर्जा को वापस प्रतिबिंबित कर सकता है, जो आपके स्वास्थ्य और मानसिक शांति पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
2. समृद्धि में बाधा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, अलमारी के बाहर शीशा लगाने से घर में धन की स्थिरता पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में आर्थिक समस्या उत्पन्न हो सकती है और समृद्धि में बाधा आ सकती है।
3. विवाद और तनाव: बेडरूम में खासकर अलमारी के शीशे के सामने सोने से रिश्तों में तनाव और विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है। यह पारिवारिक जीवन में अस्थिरता और परेशानी ला सकता है।
1. अगर अलमारी के बाहर शीशा लगाना जरूरी हो, तो कुछ वास्तु उपाय अपनाए जा सकते हैं:
2. शीशे को बेड की सीध में न रखें। अगर यह संभव न हो, तो शीशे को रात में किसी पर्दे या कपड़े से ढक दें।
3. अलमारी के शीशे को नियमित रूप से साफ रखें ताकि उसमें जमा धूल या गंदगी नकारात्मक ऊर्जा न फैला सके।
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