नई दिल्ली: अपरा एकादशी ज्येष्ठ मास की पहली एकादशी है जो कि आपके लिए अपार संपत्ति की प्राप्ति की रास्ता खोलती है। अपरा एकादशी का उपवास करने और नियम से पूजापाठ के उपाय करने से आपके घर में आर्थिक परेशानियां दूर होता है.इस व्रत की कथा जरूर पढ़ें और जरूर सुनें.आगे जानते हैं अपरा एकादशी […]
नई दिल्ली: अपरा एकादशी ज्येष्ठ मास की पहली एकादशी है जो कि आपके लिए अपार संपत्ति की प्राप्ति की रास्ता खोलती है। अपरा एकादशी का उपवास करने और नियम से पूजापाठ के उपाय करने से आपके घर में आर्थिक परेशानियां दूर होता है.इस व्रत की कथा जरूर पढ़ें और जरूर सुनें.आगे जानते हैं अपरा एकादशी के खास उपाय।
बता दें कि 02 जून रविवार यानि आज के दिनअपरा एकादशी रखा जा रहा है. अपरा एकादशी 2024 का व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है. अपरादशी के बारे में पुराण में बताया गया है कि इस व्रत को करने से आपको भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा से अपार संपत्ति की प्राप्ति होती है मान्यता है इस व्रत को रखने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है.
अपरा एकादशी 2024 की तिथि और समय
एकादशी तिथि 2 जून, 2024 को सुबह 05:04 मिनट पर शुरु हो चुकी है.
वहीं एकादशी तिथि का समापन 3 जून, 2024 को सुबह 02:41 मिनट पर होगा.
अपरा एकादशी व्रत का पारण कल यानि 3 जून, 2024, सोमवार के दिन किया जाएगा.
व्रत पारण का समय सुबह 08:05 से 08:10 मिनट तक रहेगा.
पढ़ें व्रत कथा
कथा के अनुसार बताया गया की महीध्वज नाम का एक दयालु, उदार राजा था. उस राजा का एक छोटा भाई था, अधर्मी,क्रूर,और अन्यायी ब्रजध्वज, जो राजा अपने बड़े भाई से जलता था. ब्रजध्वज हमेशा अपने भाई को नुकसान पहुंचाना चाहता था.और उस दुष्ट ने एक दिन नफरत में आकर राजा को मार दिया और उसके शव को एक जंगल में पीपल के पेड़ के नीचे दफना दिया.लेकिन धौम्य ऋषि ने बताया की राजा को मुक्ति मिल हई और स्वर्ग में स्थान मिला।
अपरा एकादशी की कथा पढ़ने या सुनने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती है, साथ ही अपार सुखों की प्राप्ति होती है. श्री हरि विष्णु जी के साथ-साथ मां लक्ष्मी जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.साथ ही उस दिन सुबह स्नान करने के बाद तुलसी के पेड़ के पास बैठकर तुलसी की माला से 108 बार श्रद्धापूर्वक जाप करें।
किस चीज़ का दान करें
अपरा एकादशी में तिल का दान करना काफी शुभ मन जाता है.और साथ ही इस व्रत में जरुरतमंदो को अन्न,फल,वस्त्र भी दान करना चाहिए। और जल का दान करना भी शुभ माना जाता है.