November 10, 2024
Advertisement
  • होम
  • अध्यात्म
  • मेघनाद की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी सुलोचना पहुंच गई भगवान राम के पास, उसके बाद जो हुआ…
मेघनाद की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी सुलोचना पहुंच गई भगवान राम के पास, उसके बाद जो हुआ…

मेघनाद की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी सुलोचना पहुंच गई भगवान राम के पास, उसके बाद जो हुआ…

  • WRITTEN BY: Pooja Thakur
  • LAST UPDATED : August 5, 2024, 9:42 am IST
  • Google News

Ramayan: त्रेता युग में सुलोचना पतिव्रता स्त्रियों में गिनी जाती थीं। वो वासुकी नाग की पुत्री और मेघनाद की पत्नी थी। सुलोचना के बारे में वाल्मीकि रामायण और तुलसीकृत रामायण में कम उल्लेख मिलता है लेकिन तमिल भाषा की कथाओं में उसके बारे में प्रमुखता से उल्लेख किया गया है। आइये जानते हैं कि मेघनाद की मृत्यु के बाद सुलोचना का क्या हुआ था?

भुजा ने सुनाया युद्ध वृतांत

जब लक्ष्मण ने मेघनाद का वध कर दिया तो उसकी भुजा सुलोचना के पास जाकर गिरी। सुलोचना ने जब भुजा देखी तो उसे विश्वास नहीं हुआ। उसने अपने पतिव्रता धर्म का वास्ता देकर भुजा से युद्ध के बारे में लिखने को कहा। इतना सुनते ही मेघनाद ने अपनी कटी हुई भुजा से युद्ध में घटित सारी कहानी सुलोचना को लिखकर बता दी।  इसके बाद सुलोचना रावण के पास पहुंची और सती होने की इच्छा जाहिर की। सुलोचना ने रावण से कहा कि उसे अपने पति का कटा हुआ सिर चाहिए क्योंकि उसके बिना वह सती नहीं हो सकती।

राम के पास पहुंची सुलोचना

रावण अपने बेटे के सिर के लिए शत्रु के सामने याचना करना नहीं चाहता था। उसने सुलोचना को स्वयं श्रीराम के पास जाकर मेघनाथ का मस्तिष्क लेकर आने को कहा। लंकापति की आज्ञा से सुलोचना श्रीराम की कुटिया में पहुंची। सुलोचना ने राम से अपने पति का मस्तिष्क मांगा। श्रीराम ने वानर राज सुग्रीव को मेघनाथ का सिर लेकर आने को कहा। लेकिन सभी के मन में आशंका हुई कि सुलोचना को सारा वृतांत कैसे पता है? तब जाकर सुलोचना ने मेघनाद की भुजा द्वारा लिखी गई युद्ध वृतांत के बारे में बताया।

जोर से हंसा मेघनाद का कटा सिर

वानर राजा सुग्रीव सुलोचना की बातें सुनकर आश्चर्यचकित थे। उन्होंने कहा कि अगर तुम्हारे पतिव्रत धर्म में इतनी शक्ति है तो यह कटा हुआ सिर हंसकर दिखाए। सुलोचना ने मेघनाद के मस्तिष्क को अपने पतिव्रत धर्म का हवाला देकर सबके सामने हंसने के लिए कहा। फिर क्या था मेघनाद का कटा हुआ सिर सबके सामने जोर-जोर से हंसने लगा। सब यह देखकर हतप्रभ थे परंतु श्रीराम तो सुलोचना की शक्ति से परिचित थे। राम के आदेश पर मेघनाद का सिर सुलोचना को दे दिया गया और वह सती हो गई। श्री राम ने अगले दिन युद्ध विराम की घोषणा कर दी ताकि लंकावासी अपने युवराज की मृत्यु का शोक मना सके।

 

माता सीता को क्यों नहीं छू पाया लंकापति रावण?

Tags

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

शॉर्ट वीडियो

विज्ञापन

लेटेस्ट खबरें

मक्का में 40 किलोमीटर पहले ही, महाकुंभ में मुसलमानों के बैन पर ये क्या बोल गए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
मक्का में 40 किलोमीटर पहले ही, महाकुंभ में मुसलमानों के बैन पर ये क्या बोल गए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
सर्दियों में क्यों बढ़ता है अस्थमा? इस चीज को खाकर कर सकते हैं कंट्रोल
सर्दियों में क्यों बढ़ता है अस्थमा? इस चीज को खाकर कर सकते हैं कंट्रोल
राहुल अपने पापा को भी ले आएं तो भी कश्मीर में नहीं होगी धारा 370 की वापसी, CM भजन लाल के बिगड़े बोल
राहुल अपने पापा को भी ले आएं तो भी कश्मीर में नहीं होगी धारा 370 की वापसी, CM भजन लाल के बिगड़े बोल
दूध पीने से हार्ट अटैक का खतरा,रिसर्च  से हकीकत आई सामने
दूध पीने से हार्ट अटैक का खतरा,रिसर्च से हकीकत आई सामने
प्रेमी से मां के संबंध बनवाना चाहती थी बेटी, पिलाया नशीला पदार्थ और होश आने तक…
प्रेमी से मां के संबंध बनवाना चाहती थी बेटी, पिलाया नशीला पदार्थ और होश आने तक…
RJD की सभा में शहाबुद्दीन का बेटा ओसामा मांग रहा था वोट, युवक ने बात नहीं मानी तो दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
RJD की सभा में शहाबुद्दीन का बेटा ओसामा मांग रहा था वोट, युवक ने बात नहीं मानी तो दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
तमिल सिनेमा के दिग्गज अभिनेता ने 80 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, 400 फिल्मों में किया था काम
तमिल सिनेमा के दिग्गज अभिनेता ने 80 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, 400 फिल्मों में किया था काम
विज्ञापन
विज्ञापन