ऐसा क्या हुआ था कि क्रोधित होकर द्रौपदी ने कुत्तों को दिया हमेशा खुले में संबंध बनाने का श्राप?

Mahabharat: महाभारत में द्रौपदी का किरदार बेहद मजबूत महिला का है। द्रौपदी आम भारतीय बहुओं की तरह मर्यादा में रहने वाली स्त्री हैं। वो पतिव्रता हैं और सच्चे मन से अपने धर्म का निर्वहन करती हैं। आपको मालूम है कि द्रौपदी ने एक बार कुत्तों को श्राप दे दिया था, जिस वजह से वो आज तक इसकी सजा भुगत रहे हैं। आइये जानते हैं कि इसके पीछे की सारी कहानी क्या है?

कुत्ते को क्यों मिला श्राप?

द्रौपदी पांच पांडवों की पत्नी थीं। उनके बीच नियम बना हुआ था कि एक समय में एक ही पांडव पांचाली के साथ रह सकता है। नियम बनाया गया कि जो भाई द्रौपदी के कक्ष में रहेगा वो अपने पादुका को कक्ष के बहार खोलकर रख देगा ताकि उस समय कोई अन्य प्रवेश न कर पाएं। जो इस नियम का उल्लंघन करेगा उसे एक वर्ष के लिए वनवास काटना पड़ेगा।

क्या है कथा?

एक दिन युधिष्ठिर और द्रौपदी कक्ष में थे। तभी एक कुत्ता आता है और युधिष्ठिर के पादुका को उठाकर ले जाता है। थोड़ी देर बाद अर्जुन आते हैं उन्होंने कक्ष के बाहर कोई पादुका नहीं देखी तो वो अंदर प्रवेश कर गए। उस समय युधिष्ठिर और द्रौपदी एक दूसरे से प्रेमालाप कर रहे थे। अर्जुन को अपने सामने देखकर द्रौपदी क्रोधित हो जाती है। अर्जुन को नियम के अनुसार वनवास भोगना पड़ता है। वहीं द्रौपदी क्रोधित होकर कुत्ते को श्राप देती है कि जैसे आज मुझे देखा गया है, वैसे ही अब तुम्हें दुनिया हर दिन संबंध बनाते हुए देखेगी। उस दिन के बाद से कुत्ते हमेशा खुले में ही संबंध बनाते हैं।

 

 

 

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