Krishna: भगवान श्री कृष्ण और उनके भाई बलराम ने ऋषि सांदीपनि से शिक्षा ली थी। दुनिया को गीता का ज्ञान देने वाले कृष्ण ने स्वंय श्रीमद् भागवत गीता का ज्ञान ऋषि सांदीपनि से लिया था। कंस वध के बाद देवकी और वासुदेव ने अपने दोनों पुत्रों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए सांदीपनि ऋषि के […]
Krishna: भगवान श्री कृष्ण और उनके भाई बलराम ने ऋषि सांदीपनि से शिक्षा ली थी। दुनिया को गीता का ज्ञान देने वाले कृष्ण ने स्वंय श्रीमद् भागवत गीता का ज्ञान ऋषि सांदीपनि से लिया था। कंस वध के बाद देवकी और वासुदेव ने अपने दोनों पुत्रों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए सांदीपनि ऋषि के आश्रम में भेज दिया। यहीं उनकी मित्रता सुदामा से हुई थी। क्या आप जानते हैं कि भगवान कृष्ण ने सांदीपनि ऋषि को गुरुदक्षिणा में क्या दिया था?
भगवान ने महज 64 दिनों में सांदीपनि ऋषि से 64 विद्याएँ और 16 कलाएं सीखी थी। वेद पुराण के साथ-साथ उन्होंने धनुर्विद्या ,राजनीतिक शास्त्र और गणित शास्त्र आदि की शिक्षा ली। जब गुरु दक्षिणा का समय आया तो ऋषि संदीपनी और उनकी पत्नी ने भगवान से उनके पुत्र को वापस लाने को कहा जो समुद्र की लहरों में डूब गया था।
अपने गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए कृष्ण और बलराम प्रभास क्षेत्र में गए। समुद्र ने उन्हें बताया कि शायद उनके गुरु का पुत्र शंखासुर के पास है, जो समुद्र में छुपा है। कृष्ण-बलराम ने समुद्र में जाकर शंखासुर का वध कर दिया। उसके पेट को चीरा लेकिन गुरु पुत्र नहीं मिला। वहां से दोनों भाई यमराज के यहां पहुँच गये।
यमपुरी पहुंचकर भगवान ने यमराज से गुरु पुत्र को वापस करने की मांग की। कृष्ण ने उनसे कहा कि पूर्व जन्म के पापों की वजह से मेरे गुरुपुत्र यहां हैं। उन्हें वापस कर दिया जाए। यमराम भगवान को नहीं पहचान पाए और कृष्ण से युद्ध करने लगे। बाद में यमराज को आभास हुआ तो उन्होंने कृष्ण को गुरु पुत्र को लौटा दिया। इसके बाद कृष्ण ने अपनी गुरु माता और गुरु को पुत्र लौटाकर गुरुदक्षिणा पूरी की।
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