Vivah shubh Muhurat 2021: जनवरी से मार्च तक नहीं है शादी का मुहूर्त, सिर्फ इन मुहूर्त पर बजेगी शहनाई

Vivah subh Muhurat 2021: साल के आखिरी महीने में केवल पांच शुभ मुहूर्त बाकि हैं जिसके बाद अगली साल यानी जनवरी 2021 से मार्च 2021 तक कोई शादी नहीं होगी. दिसंबर के बाद शादियों पर रोक लग जाएगी और विवाह के मुहूर्त के लिए लंबा इंतजार करना होगा.

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Vivah shubh Muhurat 2021: जनवरी से मार्च तक नहीं है शादी का मुहूर्त, सिर्फ इन मुहूर्त पर बजेगी शहनाई

Aanchal Pandey

  • November 28, 2020 3:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली: Vivah shubh Muhurat 2021: साल 2020 का अंतिम महीना दिसंबर भी शुरु होने वाला है जिसके साथ शादियों के शुभ मुहूर्त भी नजदीक आ रहे हैं. कोरोना संक्रमण के खतरें से टली मार्च से जून तक की शादियां इन ही दिनों में होंगी. देवउठनी एकादशी 25 नवंबर के बाद से विवाह और दूसरे मांगलिक कामों का सिलसिला शुरू हो चुका है. नवंबर 2020 का पहला शुभ मुहूर्त 25 नवंबर को था जिसके बाद इस महीनें में केवल एक शुभ मुहूर्त ही शेष है, जो 30 नवंबर का है. इसके बाद अगले माह दिसंबर में कुल पांच शुभ मुहूर्त शेष हैं. वहीं इन मुहूर्त के बाद लंबे समय तक कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं होगा.

बता दें कि साल 2020 में  कोरोनाकाल के चलते लागू लॉकडाउन में अप्रैल से जून तक कुल 23 मुहूर्त यूं ही निकल गए. जिसके बाद 24 नवंबर तक विवाह नहीं हो सके. वहीं अब दिसंबर के बाद मार्च 2021 तक शादियों पर फिर से रोक लग जाएगी और शादी समारोह के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा. इस दिसंबर में विवाह के लिए पांच मुहूर्त रहेंगे. दिसंबर 2020 में 11 दिसंबर ही साल का आखिरी शादी का शुभ मुहूर्त होगा. जिसके बाद अगले साल ही बैंड- बाजे की धूम शुरु होगी. मसलन 11 दिसंबर के बाद अब सीधा 22 अप्रैल से शुभ दिन और शुभ मुहूर्त शुरू होंगे.

2021 में इन 50 शुभ मुहूर्त पर होंगे विवाह

वर्ष 2021 में विवाह के 50 शुभ मुहूर्त होंगे. साल 2021 में पहला मुहूर्त 22 अप्रैल को होगा. जिसके बाद 15 जुलाई तक 37 दिन ही विवाह के मुहूर्त बचे होंगे. वहीं 15 नवंबर 2021 को देवउठनी एकादशी से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए कुल 13 दिन और मिलेंगे.

साल में इस दिन होते हैं सबसे ज्यादा विवाह

मना जाता है कि देव उठानी एकादशी एक ऐसा खास दिन होता है जिस दिन सबसे ज्यादा विवाह और मंगल कार्य होते हैं. मान्यता है कि इस दिन किया गया विवाह कभी नहीं टूटता और दांपत्य सुख भी हमेशा बना रहता है. इसके अलावा साल में अक्षय तृतीया और वसंत पंचमी को भी अबूझ मुहूर्त ही मानते हैं और उस दिन भी शादी होती हैं.

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