Advertisement
  • होम
  • अध्यात्म
  • विवाह पंचमी आज, इस विधि से करें राम-सीता का विवाह, नोट करें शुभ मुहूर्त और जानें इस दिन का महत्व

विवाह पंचमी आज, इस विधि से करें राम-सीता का विवाह, नोट करें शुभ मुहूर्त और जानें इस दिन का महत्व

आज देशभर में विवाह पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। यह शुभ दिन भगवान श्रीराम और माता सीता को समर्पित है। हर साल मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह पर्व आता है।

Advertisement
Vivah Panchami
  • December 6, 2024 9:19 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: आज देशभर में विवाह पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। यह शुभ दिन भगवान श्रीराम और माता सीता को समर्पित है। हर साल मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह पर्व आता है। इस दिन राम-सीता का विवाह उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, खासकर मिथिला (जनकपुर, नेपाल) और उत्तर भारत के कई हिस्सों में।

विवाह पंचमी का महत्व

विवाह पंचमी हिन्दू धर्म में अत्यंत शुभ मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन रामायण का पाठ, भगवान राम और माता सीता की पूजा और कथा सुनने का विशेष महत्व है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम ने मिथिला में शिव धनुष तोड़कर सीता स्वयंवर जीता था। यह दिन आदर्श वैवाहिक जीवन, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन राम-सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख-शांति मिलती है। विवाह पंचमी पर पूजा-अनुष्ठान से न केवल विवाहित लोगों को लाभ मिलता है, बल्कि कुंवारे युवाओं को भी अच्छा जीवनसाथी प्राप्त होता है।

इस वर्ष विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त

– पूजा का समय: सुबह 10:20 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक।
– अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक।
– शुभ चौघड़िया: दोपहर 12:08 से 2:15 तक।

कैसे कराएं राम-सीता का विवाह?

1. पूजा की तैयारी

– भगवान राम और माता सीता की मूर्तियों या तस्वीरों को साफ स्थान पर स्थापित करें।
– उनके समक्ष दीपक जलाएं और फूल, अक्षत, और फल अर्पित करें।
– विवाह मंडप तैयार करें और राम-सीता के विवाह की प्रतिकृति तैयार करें।

2. रामायण पाठ

– पूजा के दौरान रामायण के बालकांड में वर्णित विवाह प्रसंग का पाठ करें।
– विवाह मंत्रों का उच्चारण करें और कथा सुनें।

3. विवाह आयोजन

– भगवान राम और माता सीता को वर-वधू के रूप में सजाएं।
– परंपरागत रीति से उनका विवाह संपन्न कराएं।
– विवाह के बाद आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

4. दान-पुण्य करें

– इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र और जरूरतमंदों को धन का दान करना शुभ माना जाता है।

Also Read…

खतरे में लाखों लोगों की जान, भूकंप से हिला कैलिफोर्निया, Video देखकर दहल जाएगा दिल

शंभू बॉर्डर से आज दिल्ली कूच करेंगे किसान, मार्च को लेकर प्रशासन का सख्त पहरा

Advertisement