Vishnu Sahasranamam: छूमंतर करना चाहते हैं सारी समस्याएं, तो विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते समय ध्यान रखें ये नियम

नई दिल्लीः ऐसा माना जाता है कि जिन साधकों पर भगवान श्रीहरि की कृपा हो जाती है उन्हें जीवन की कई समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। ऐसे में रोजाना विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से आपको भगवान श्रीहरि की कृपा प्राप्त हो सकती है, लेकिन इसका पाठ करने से पहले कुछ नियमों को ध्यान […]

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Vishnu Sahasranamam: छूमंतर करना चाहते हैं सारी समस्याएं, तो विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते समय ध्यान रखें ये नियम

Tuba Khan

  • May 22, 2024 1:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 months ago

नई दिल्लीः ऐसा माना जाता है कि जिन साधकों पर भगवान श्रीहरि की कृपा हो जाती है उन्हें जीवन की कई समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। ऐसे में रोजाना विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से आपको भगवान श्रीहरि की कृपा प्राप्त हो सकती है, लेकिन इसका पाठ करने से पहले कुछ नियमों को ध्यान में रखना जरूरी है। आइए अब जानते हैं विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने के नियम।

कब कर सकते हैं पाठ

हालांकि, विष्णु सहस्रनाम का जाप नियमित रूप से किसी भी समय और इच्छानुसार किया जा सकता है। बता दें, ऐसा माना जाता है कि इसे पढ़ने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय होता है। सबसे पहले श्रद्धापूर्वक भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आह्वान करें और फिर पाठ शुरू करें। इससे परिवार पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।

अवश्य ध्यान रखें ये बातें

विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से पहले साधक को अपनी शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए। व्रत रखकर ही पाठ करें। विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करते समय मंदिर में जल कलश या एक गिलास पानी रखें और पीले वस्त्र पहनकर ही विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। कृपया ध्यान दें कि उच्चारण बिल्कुल सही होना चाहिए। पाठ के बाद भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करते हैं और पीली-पीली मिठाइयां बांटते हैं। साथ ही, पाठ करते समय पाठ पर पूरा ध्यान केंद्रित करें और बीच में अन्य काम करने से बचें।

मिलते हैं ये फायदे

भगवान विष्णु के हजार नामों का ध्यान, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है। इसके अलावा पूरे विधि-विधान से इसका पाठ करने से व्यक्ति के विवाह में आने वाली बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। नियमित पढ़ने से व्यक्ति के मन से चिंता और तनाव दूर हो जाता है। इसके अलावा ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार बृहस्पति की पीड़ा से मुक्ति के लिए इसका पाठ बहुत लाभकारी होता है। इस पाठ से साधक के घर-परिवार में सुख-समृद्धि का उदय होता है।

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