Vinayak Chaturthi 2018: गणपति जी की पूजा के बाद समस्त दुख होंगे दूर, इस पूजा विधि से करें बप्पा की पूजा

पूर्णिमा के बाद अर्थात की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाने वाली को संकष्टी चतुर्थी या सकट चौथ कहा जाता है. अमावस्या के पश्चात आने वाली चतुर्थी तिथि, यानी की शुक्ल पक्ष को मनायी जाने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है.

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Vinayak Chaturthi 2018: गणपति जी की पूजा के बाद समस्त दुख होंगे दूर, इस पूजा विधि से करें बप्पा की पूजा

Aanchal Pandey

  • February 19, 2018 3:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली: जिस तरह से एकादशी का त्योहार विष्णु जी को समर्पित एवं चतुर्दशी तिथि शंकर जी को समर्पित होती है उसी तरह से मास में आने वाली दो चतुर्थी तिथिया. गणपति देव को समर्पित होती हैं. इसी में कृष्ण पक्ष को मनायी जाने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी एवं शुक्ल पक्ष में मनायी जाने वाली तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. पूर्णिमा के पश्चात यानी की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनायी जाने वाली को संकष्टी चतुर्थी या सकट चौथ कहा जाता है. अमावस्या के पश्चात आने वाली चतुर्थी तिथि, यानी की शुक्ल पक्ष को मनायी जाने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी की तरह मनाया जाता है.

व्रत की विधि : प्रातः काल स्नान कर स्वछ होकर, गणपति की मूर्ति स्थापित करें. गणपति को पंचामृत से स्नान, तत्पशात गंगाजल से स्नान कराएं. उन्हें लाल या फिर पीले वस्त्र अर्पित करें. उन्हे दूर्वा, लाल फूल, गुल्हड़ के फूल, तिल के लड्डू, मोदक, जामुन आदि नैवैदय अवश्यअर्पित करें. अष्टगंध से अभिषेक करें, धूप दीप जलाएं. अथर्व स्त्रोत का पाठ करें या फिर “ॐ गं गणपतये नमः” का १०८ बार जप आपके लिए बहुत शुभ रहेगा.

गणपति देव, समस्त कष्टों को दूर कर सकते हैं, जिस भी समस्या से आप ग्रस्त हों, गणपति की शरण में जाने से वह समस्याएं दूर हो जाती हैं. उन्हे देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले गणपति की आराधना परमआवश्यक है. माना जाता है की भगवान शिव ने भी इस व्रत को किया था एवं इस दिन गणपति के साथ, माता पार्वती, भगवान शिव जी एवं चंद्रमाका पूजन करना चाहिए. दिन भर व्रत रख कर संध्या में पूर्व मुखी हो कर या फिर ईशान कोण, या उत्तर दिशा की तरफ़ मुख कर गणपति आराधना के पश्चात चंद्र दर्शन करने के बाद व्रत तोड़े. इस दिन व्रत करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है एवं समस्त विघ्नों का नाश होता है इसीलिए गणपति को विघ्नहर्ता भी बोला गया है.

~ नन्दिता पाण्डेय, आध्यात्मिक गुरु, ज्योतिर्विद,ऐस्ट्रोटैरोलोजर
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# +91 9312711293

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