अध्यात्म

Vijaya Ekadashi 2020: इस दिन होगी विजया एकादशी 2020, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Vijaya Ekadashi 2020: हिंदू धर्म शास्त्रों में विजया एकादशी व्रत का बहुत महत्व है. विजया एकदाशी व्रत को लेकर मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश हो जाता है. इसके साथ ही सच्चे मन से विधिपूर्वक व्रत करने वाले व्यक्ति को हर हाल में विजय प्राप्त होती है. कहा जाता है कि भगवान राम ने लंका विजय के लिए इसी दिन समुद्र किनारे पूजा की थी. पौराणिक मान्यता है की वकदालभ्य ऋषि ने ही भगवान राम से सेनापतियों के साथ विजया एकादशी का व्रत करने के लिए कहा था. मालूम हो कि विजया एकदशी के दिन सृष्टि के पालनहार भगवान श्री विष्णु की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से कई गुना पुण्य मिलता है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

जानें कब है विजया एकदशी

हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकदशी के रूप में मनाया जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह एकादशी हर वर्ष फरवरी या मार्च के महीने में आती है. यह एकादशी महाशिवरात्रि से दो दिन पहले पड़ती है. इस बार विजया एकादशी 19 फरवरी को है, जबकि शिवरात्रि 21 फरवरी को है.

विजया एकादशी की तिथि व शुभ मुहूर्त

इस वर्ष विजया एकादशी 19 फरवरी 2020 को पड़ रही है. एकादशी तिथि का प्रारंभ 18 फरवरी 2020 को दोपहर 2 बजकर 32 मिनट से होगा. वहीं तिथि की समाप्ति 19 फरवरी 2020 को दोपहर 3 बजकर 2 मिनट पर होगी. पारण का समय 20 फरवरी 2020 को सुबह 6 बजकर 56 मिनट से शुरू होगा और 9 बजकर 11 मिनट पर खत्म होगा.

विजया एकादशी व्रत का महत्व

हिंदू धर्मग्रंथों में विजया एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य को विजय की प्राप्ति होती है. इस व्रत को सभी व्रतों में उत्तम माना जाता है. विजया एकादशी के महात्म्य के श्रवण और पठन से सभी पापों का नाश हो जाता है. विजया एकादशी का व्रत पुराने तथा नए पापों का नाश करने वाला है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार जो कोई मनुष्य विधिपूर्वक इस व्रत को करता है. यह भी कहा जाता है कि जो इस व्रत के महात्म्य को पढ़ता या सुनता है. उसे वाजपेय य़ज्ञ के बराबार पुण्य की प्राप्ति होती है.

विजया एकादशी की पूजा विधि

  • एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्रधारण करें और व्रत का संकल्प लें.
  • अब घर के मंदिर में पूजा से पहले एक वेदी बनाकर उस पर सप्त धान (उड़द, मूंग, गेहूं, चना, जौ, चावल और बाजरा) रखें.
  • वेदी के ऊपर एक कलश की स्थापना करें और उसमें आम या अशोक के पांच पत्त लगाएं.
  • अब वेदी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखें.
  • इसके बाद भगवान विष्णु को पीले फूल, ऋतुफल और तुलसी दल समर्पित करें.
  • धूप-दीप से विष्णु की आरती उतारें.
  • शाम के समय भगवान विष्णु की आरती उतारने के बाद फलाहार ग्रहण करें.
  • रात्रि के समय सोए नहीं बल्कि भजन कीर्तन करते हुए जागरण करें.
  • अगले दिन सुबह किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और यथा शक्ति दान दक्षिणा देकर विदा करें.
  • इसके बाद आप भी भोजन कर व्रत का पारण करें.

Maha Shivratri 2020 Jalabhishek Date Time: महाशिवरात्रि कब है, जानिए जलाभिषेक समय, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Holi 2020 ‪Vashikaran Totke: होली 2020 के मौके पर रूठे प्यार को मनाने के लिए करें ये टोटके

Aanchal Pandey

Recent Posts

सलमान की शादी न करने पर पिता सलीम खाना ने तोड़ी चुप्पी, कहा-वो महिलाओं को कन्वर्ट…

 सलमान खान के पिता सलीम खान ने एक इंटरव्यू में साफतौर पर इस बारे में…

8 minutes ago

वन नेशन-वन इलेक्शन पर JPC की पहली बैठक, सभी सांसदों को सौंपी गई 18 हजार पन्नों की रिपोर्ट

वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर बनी जेपीसी में कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी, मनीष…

18 minutes ago

4 लाख का लॉकेट चुरा ले गया चोर, CCTV में कैद हुआ वीडियो, देखकर दहल जाएंगे आप

प्रतापगढ़ के कोहड़ौर थाना क्षेत्र के मदाफरपुर गांव में एक स्वर्ण व्यवसायी से चार लाख…

24 minutes ago

कांग्रेस में बड़ी फूट! इस पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- दिल्ली में केजरीवाल ही जीतेंगे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पार्टी विरोधी बयान…

54 minutes ago

थार ने बरपाया कहर, छात्र की जान बाल-बाल बची, वीडियो वायरल

सीकर में बीच सड़क पर थार का आतंक देखने को मिला. चालक ने लापरवाही से…

1 hour ago

AAP, बीजेपी या कांग्रेस… दिल्ली की फ्री रेवड़ी वाली रेस में कौनसी पार्टी आगे, जानें यहां

राजधानी दिल्ली में सियासी दंगल शुरू हो चुका है। पार्टियां अपना- अपना पाला मजबूत करने…

1 hour ago