नई दिल्ली, वट सावित्री का व्रत महिलाऐं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए पूजा-अर्चना करती हैं. वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. इस बार वट सावित्री का व्रत 30 मई के दिन […]
नई दिल्ली, वट सावित्री का व्रत महिलाऐं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए पूजा-अर्चना करती हैं. वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. इस बार वट सावित्री का व्रत 30 मई के दिन पड़ रहा है, इसी दिन शनि जयंती और सोमवती आमावस्या भी है. इस दिन व्रत रखने से महिलाओं को शनि देव की कृपा तो प्राप्त होगी ही. साथ ही, सोमवती अमावस्या के दिन व्रत का फल भी मिलेगा. यह व्रत करवा चौथ के व्रत की तरह की रखा जाता है.
इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह ऋंगार करती हैं और टोकरी में पूजा का सामान तैयार करती हैं. फिर बरगद के पेड़ के नीचे बैठ कर व्रत सावित्री की कथा पढ़ती हैं. बरगद के पेड़ को जल अर्पित कर महिलाऐं पेड़ को रोली और चंदन का टीका लगाती हैं. इस दिन विधिवत पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है. इस दिन कच्चे सूत के साथ बरगद के पेड़ की परिक्रमा की जाती है और पति की लंबी आयु की प्रार्थना की जाती है.
वट सावित्री व्रत की तैयारी महिलाऐं पहले ही कर लेती हैं. इस दिन पूजा की थाली का विशेष महत्व होता है. इसलिए अगर आप भी वट सावित्री व्रत करने वाली हैं तो पूजा का सामान पहले ही व्यवस्थित कर अपनी थाली में सजा लें. पूजा की थाली में ये चीज़ें ज़रूर रखें- सावित्री और सत्यवान की मूर्ति, बांस का पंखा, कच्चा सूत, लाल रंग का कलावा, बरगद का फल, धूप, मिट्टी का दीपक, फल, फूल, बतासा, रोली, सवा मीटर का कपड़ा, इत्र, पान, सुपारी, नारियल, सिंदूर, अक्षत, सुहाग का सामान, घर से बनी पूडिया, भीगा हुआ चना, मिठाई, घर में बना हुआ व्यंजन, जल से भरा हुआ कलश, मूंगफली के दाने और मखाने का लावा.
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