नई दिल्ली. वट सावित्री व्रत का भारतीय समाज में खास महत्व माना जाता है. इस पर्व को सुहागन महिलाएं मनाती हैं. ज्येष्ट मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री अमावास्या कहा जाता है. इस साल यह दिन 3 जून को मनाया जाएगा. इस दिन सौभाग्यवती महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए वट वृक्ष और यमदेव की पूजा करती हं. इस व्रत में कुछ महिलाएं फलाहार का सेवन करती हैं तो वहीं कुछ निर्जल उपवास भी रखती हैं. शाम के समय वट यानि की बरगद के पेड़ की पूजा करने पर ही व्रत को पूर्ण माना जाता है. वट सावित्री व्रत में वट यानि की बरगद का पेड़ और सावित्री दोनों का विशेष महत्व है. इस बार जो महिलाएं वट सावित्री का व्रत रख रही हैं, उनके लिए महूर्त जानना बेहद जरूरी है. बता दें 2 जून को 4.39 बजे से अमावास्या की तिथी शुरू हो जाएगी और 3 जून को 3 बजकर 31 मिनट पर अमावास्या की तिथी खत्म हो जाएगी.
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