नई दिल्ली. आज पूर्णिमा है वो भी वट पूर्णिमा. जो कई मायनों में खास और हिंदू ज्योतिष में काफी खास होती है. भर में 12 पूर्णिमा आती हैं जिनका सीधा संबंध भगवान विष्णु की अराधना से है. इस दिन यदि श्रद्धा भाव से यदि व्रत किया जाए तो अवश्य मनोकामना पूरी होती है. आषाढ़ महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को वट पूर्णिमा (Vat Purnima Vrat 2018) कहा जाता है. इस दिन वट पूर्णिमा का व्रत, पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व को जानकर पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है.
हिंदू धर्म में वट वृक्ष की गहरी मान्यता है. वट वृक्ष एकलौता ऐसा वृक्ष है जिसे वट वृक्ष को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का रूप माना जाता है. इस पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानी भोलेनाथ का वास होता है. वट पूर्णिमा के दिन वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा करने से संतान व पति की लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है. वट पूर्णिमा का व्रत खास तौर पर उत्तर भारत में जोरों शोरों से किया जाता है.
वट वृक्ष की पूजा करने से महिलाओं का सुहाग की आयु बढ़ती है और संतान के लिए भी यह व्रत काफी खास होता है. इस व्रत को सुख शांति व बच्चों के करियर से भी जोड़कर देखा जाता है. इस बार वट पूर्णिमा 27 तारीख को पड़ रही है. इस बुधवार को वट पूर्णिमा का व्रत है जिसके लिए महिलाओं को वट वृक्ष और भगवान विष्णु की पूजा करनी होती है.
वट पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
वट पूर्णिमा शुरू – 08:12 बजे 27/जून/2018
वट पूर्णिमा समाप्त – 10:22 बजे 28//जून/2018
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