Vastu Tips: घर के मंदिर से जुड़ी ये गलतियां पड़ सकती हैं आप पर भारी, इन बातों का रखें ध्यान

Vastu Tips: घर का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र स्थान होता है घर का मंदिर. ऐसे में वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में बने मंदिर से जुड़ीं छोटी गलतियां नुकसान पहुंचा सकती है. हिंदू धर्म मे मूर्ति पूजा का विशेष महत्व होता है. मूर्ति किसी दिशा में रखना है इसका सीधा असर घर की सुख शांति पर पड़ता है. सीढ़ियों के नीचे कभी भूलकर भी मंदिर नहीं बनाना चाहिए.

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Vastu Tips: घर के मंदिर से जुड़ी ये गलतियां पड़ सकती हैं आप पर भारी, इन बातों का रखें ध्यान

Aanchal Pandey

  • September 16, 2020 9:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार घर में पूजा के स्थान का बहुत महत्व है. घर में बने मंदिर से जुड़ी गलतियां बड़ा नुकसान पहुंचा सकती हैं. हिंदू धर्म में मूर्ति पूजन का विशेष महत्व है. घर में कौन सी मूर्ति कहां रखें और किस दिशा में रखें, ये सब वास्तु के अनुसार निर्धारित किया गया है. वास्तु के मुताबिक अगर घर में शिवलिंग की स्थापना करना चाहते हैं तो अकेला शिवलिंग नहीं बल्कि शिव परिवार की मूर्ति रखनी चाहिए.

घर में हर तरह की सुख-समृद्धि और शांति के लिए शिव परिवार की मूर्ति या तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है. भगवान की ऐसी कोई भी मूर्ति या तस्वीर घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए जो युद्ध की मुद्रा में हो या जिसमें भगवान का रौद्र रूप दिखाई दे.

आइए जानते हैं घर में मंदिर बनाते समय वास्तु की किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

घर में मंदिर का स्थान हमेशा उत्तर-पूर्व में होना चाहिए.

बेडरूम में भगवान की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. जबकि राधा-कृष्ण की झूला झूलती हुई तस्वीर बेडरूम में लगाई जा सकती है.

घर में पूजा स्थल पर कभी भी खंडित मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए.

घर की उत्तर पूर्व दिशा में एक ही भगवान की एक से ज़्यादा मूर्तियां रखने से वास्तु दोष होता है.

पूजा घर को कभी भी घर की पश्चिम और दक्षिण दिशा में नहीं बनाना चाहिए.

घर का पूजा का स्थान शौचालय के पास रसोई घर में नहीं होना चाहिए.

इसके अलावा सीढ़ियों के नीचे कभी भूलकर भी मंदिर नहीं बनाना चाहिए.

घर में बैठे हुए गणेशजी तथा कार्यस्थल पर खड़े हुए गणेशजी का चित्र लगाना चाहिए.

घर या कार्यस्थल के किसी भी भाग में गणपति जी की प्रतिमा या चित्र लगाए जा सकते हैं, लेकिन प्रतिमा लगाते समय यह ध्यान रखें कि किसी भी स्थिति में इनका मुंह दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में नहीं होना चाहिए. इसका विपरीत प्रभाव होता है.

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