नई दिल्लीः एकादशी का व्रत बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस साल यह 4 मई को मनाया जाएगा. यह शुभ दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। वरुथिनी एकादशी महीने में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है। नकारात्मक और बुरी ऊर्जा से बचने के लिए साधक इस दिन व्रत रखते […]
नई दिल्लीः एकादशी का व्रत बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस साल यह 4 मई को मनाया जाएगा. यह शुभ दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। वरुथिनी एकादशी महीने में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है। नकारात्मक और बुरी ऊर्जा से बचने के लिए साधक इस दिन व्रत रखते हैं। आध्यात्मिकता और सकारात्मक सोच हासिल करने के लिए यह एक अच्छा दिन है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक, वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 3 मई 2024 को रात्रि 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 4 मई, 2024 को रात्रि 08 बजकर 38 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए यह व्रत 4 मई को रखा जाएगा। इसके साथ ही इसकी पूजा प्रातः 07 बजकर 18 मिनट से प्रातः 08 बजकर 58 मिनट के बीच होगी।
वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण 5 मई, 2024 प्रातः 05 बजकर 37 मिनट से प्रातः 08 बजकर 17 मिनट तक के बीच किया जाएगा। वहीं, इस दिन द्वादशी तिथि शाम 05 बजकर 41 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।
साधक स्नान करने के बाद ही व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद विधि-विधान और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पंचामृत भी अर्पित करें। यदि भक्त इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाते हैं, तो पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसे में आपको तुलसी के पत्ते अर्पित करने चाहिए। पूजा के बाद श्री हरि आरती करें और हरि मंत्रों का जाप करें। पूजा समाप्त होने के बाद परिवार के सदस्यों को प्रसाद वितरित करें।