Varuthini Ekadashi 2018 : पापों से मुक्ति दिलवाता है ये व्रत, जानिए वरूथिनी एकादशी पूजा विधि, महत्व और व्रत कथा

Varuthini Ekadashi 2018 : वैशाख के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को वरूथिनी एकादशी के रूप में जाना जाता है. साल में 12 एकादशी होती हैं लेकिन वरूथिनी एकादशी यानी ग्यारस का खास महत्व होता है. इस बार ये एकादशी 12 अप्रैल गुरुवार को पड़ रही है. जानिए वरूथिनी एकादशी की पूजा विधि, व्रत कथा और शुभ मुहूर्त.

Advertisement
Varuthini Ekadashi 2018 : पापों से मुक्ति दिलवाता है ये व्रत, जानिए वरूथिनी एकादशी पूजा विधि, महत्व और व्रत कथा

Aanchal Pandey

  • April 11, 2018 2:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. हिन्दू नव् वर्ष की तीसरी एकादशी यानी की वैशाख मास के कृष्णपक्ष पर पड़ने वाली एकादशी को वरूथिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस एकादशी के व्रत से सौभाग्य की प्राप्ति होती है एवं किसी भी प्रकार के दान का कई गुणा फल मिलता है. इसे वरूथिनी ग्यारस के रूप में भी मनाया जाता है. वरूथिनी का संस्कृत में मतलब रक्षा करने वाला होता है और इसीलिए इस व्रत को करने से ईश्वर आपको कष्टों से मुक्त करते हैं एवं किसी भी प्रकार के दोष से रक्षा करते हैं. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है एवं इस दिन भगवान के “वराह” अवतार का पूजन किया जाता है.

पद्मपुराण में युधिष्ठर एवं कृष्ण के संवाद में इस व्रत का उल्लेख मिलता है जहां कृष्ण भगवान यूधिष्ठर को इस व्रत की महिमा बताते हैं. वह कहते हैं की कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण पड़ने पर दान का जो असीम फल प्राप्त होता है उससे गयी गुणा अधिक फल इस व्रत को करने से होता है. इस व्रत को करने से कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है एवं स्वर्ग की प्राप्ति होती है.

व्रत की विधि
प्रातःकाल स्नान आदि कर शुद्ध होकर, भगवान विष्णु की प्रतिमा को पंचामृत से फिर कच्चे दूध से फिर गंगा जल से स्नान करवाएं. उस के बाद रोली, अक्षत, अश्तगंध से अभिषेक करें. धूप, दीप, फूल, नैवैद्य आदि चड़ाएं. फिर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का 108 बार जप करे. उसके बाद भगवान के वराह अवतार का स्मरण कर पूजन करें. अपनेघर, सुखसमृद्धि, अच्छी सेहत, मोक्ष की प्राप्ति का ध्यान कर प्रार्थना करें. एकादशी के व्रत का पारण दूसरे दिन द्वादशी तिथि के पूर्ण होने से पहले किया जाता है. व्रत का पारण, दान, पुण्य आदि कर करें. पुष्टि मार्गी वैष्णवों के लिए यह एकादशी बहुत महत्व रखती है. वह इस दिन को महाप्रभु वल्लभाचार्य की जयंती के रूप में भी मनाते हैं.

वरूथिनी एकादशी की पौराणिक मान्यता:

एक बार राजा मन्धाता भगवान विष्णु के ध्यान में तपस्या में लीन थे. वन में तपस्या कर रहे थे की उन पर एक भालू की दृष्टि पड़ गयी. भालू ने उनपर आक्रमण कर दिया, राजा फिर भी तपस्या में लीन रहे. ऐसा देख भालू ने उन्हें शारीरिक कष्ट पहुंचना शुरू कर दिया एवं उनके शरीर के अंगों को हानि पहुंचनी शुरू कर दी. वह राजा के पैर पर आक्रमण कर उसे चबाने लगा एवं उन्हें घसीट कर घने जंगल पर ले जाने लगा. राजा ने बिना अपनी तपस्या तोड़े हुए भगवान विष्णु की मदद मांगी. भागवान अपने भक्त की पुकार सुन कर प्रकट हुए एवं अपने चक्र से भालू का वध कर दिया. इस पूरे प्रकरण में राजा का पैर भालू खा चुका था इससे राजा बहुत दुखी हुए. भागवान विष्णु ने उन्हें वापस शारीरिक पुष्टि का मार्ग प्रशस्त करने की राह दिखाई एवं राजा से कहा “ हे वत्स, पास ही मथुरा नगरी है, वहां जा कर मेरे वराह अवतार का पूजन करो एवं वरूथिनी एकादशी का व्रत करों, तुम्हें सब कष्टों से मुक्ति मिलेगी.” राजा ने भागवान के कहे अनुसार विधिपूर्वक व्रत को किया एवं व्रत के पारण करते ही वह वापस हृष्टपुष्ट शरीर के स्वामी होगए एवं उनके दोनो पाँव भी ठीक हो गए.

एकादशी व्रत में क्या वर्जित है:
एकादशी के व्रत में आपको काँसे के उपयोग से बचना चाहिए, साथ ही में चावल, मसूर की दाल, मधु का पान, चने का शाक नहीं ग्रहण करना चाहिए. मांस- मदिरा से दूर रहना चाहिए. व्रती को नामक, तेल एवं अन्न का त्याग कर फलाहार करना चाहिए.

आज क्या करें:
इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें, एक वक्त में भोजन ग्रहण करें, रात्रि में जागकर भगवान विष्णु/ मधुसूदन का स्मरण कर उनकी कथा पड़े या फिर भजन आदि करें. दूसरे दिन प्रातःकाल उठकर व्रत का पारण गरीबों को भोजन खिला कर करें. व्रत उपवास के नियम का तो पालन करें ही, ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है एवं रोग-शोक से मुक्ति मिलती है. वरूथिनी एकादशी के व्रत से मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है एवं इसका पुण्य १००० गौदानों से भी अधिक मिलता है.

~ Nandita Pandey

AstroTarotloger, Energy Healer, Past Life Regression Therapist,
Spiritual Healer, Life Coach
Website : www.nanditapandey.biz

Somvati Amavasya 2018: सोमवती अमावस्या के दिन बन रहे हैं ये शुभ संयोग, ये खास उपाय बनाएंगे महाधनवान

मंगलवार को ऐसे करें भगवान हनुमान की पूजा, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

Tags

Advertisement