नई दिल्लीः हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए साल का दूसरा महीना वैशाख होता है। इस माह में जगत के रचयिता भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने के दौरान पूजा करने से सभी चिंताएं और दुःख दूर हो जाएंगे और विश्वासियों को आशीर्वाद मिलेगा। आइए जानते हैं इस बार वैशाख महीना कब शुरू होता है और इसका महत्व क्या है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 24 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 18 से मिनट से होगी और इसका समापन 25 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर होगा। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का सूर्योदय 24 अप्रैल बुधवार को होगा। इसी दिन से वैशाख माह की शुरुआत होगी और इसका समापन 23 मई को होगा।
वैशाख का महीना श्री हरि की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में स्नान, दान, जप और पश्चाताप से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन की सभी चिंताओं और कष्टों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वैशाख पूर्णिमा के दिन चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में होता है, इस नक्षत्र का स्वामी गुरु और देवता इंद्र होते हैं। इसलिए वैशाख माह में चंद्र देव की पूजा का महत्व माना जाता है।
इस माह क्षमा का विशेष महत्व है। वैशाख माह में भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा के बाद जल में तिल प्रवाहित करना लाभकारी होता है। इसके अतिरिक्त आप आम का दान भी कर सकते हैं। माना जाता है कि इस उपाय से साधक को सुखद परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। वैशाख के सातो महीने में आप दान भी कर सकते हैं। क्योंकि शनि का संबंध सूर्य से और गुरुदेव का ग्रहों के राजा बृहस्पति से माना जाता है। वैशाख में सत्तू का दान सूर्य और बृहस्पति के गुरुदेव की स्थिति को मजबूत करता है।
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