Utpanna Ekadashi 2018: माह में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में दो एकादशी पड़ती है जब भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. इस बार उत्पन्ना एकादशी पड़ रही है. जिसे बेहद खास माना जाता है. इस बार उत्पन्ना एकादशी 3 दिसबंर को पड़ रही है.
नई दिल्ली. महीने में दो बार एकादशी आती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में एक एक एकादशी पड़ती है. इस दिन विष्णु भगवान का व्रत रखा जाता है. इस माह की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी को उत्पन्ना एकादशी इसीलए कहा जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन हैं एकादशी प्रकट हुई थीं.
एकदशी को एक देवी के रूप में माना जाता है. जब देवी का जन्म हुआ तो इस दिन को उत्पन्ना एकादशी के रूप में मनाने की प्रथा शुरू हुई. इस बार उत्पन्ना एकादशी 3 दिसबंर को पड़ रही है. इस दिन भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी का पूजन करें. साथ ही कथा व महत्व को जानकर भगवान का जप करें. इस दिन पूजन करने से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है.
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उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि
इस दिन भक्त सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि कर लें. इसके बाद साफ वस्त्र धारण कर पूजा की तैयारी शुरू करें. इस दिन सबसे पहले मंदिर की साफ सफाई करें व गंगा जल से घर को शुद्ध करें. इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें. भगवान को फल, फूल, धूप, दीप, इलायची व लौंग अर्पित करें. इसके बाद उत्पन्ना एकादशी की व्रत कथा पढ़ें. मन में व्रत का संकल्प लें. लेकिन याद रखें कि भोजन एक समय ही करें और इस दिन चावल न खाएं.
उत्पन्ना एकादशी शुभ मुहूर्त
उत्पन्ना एकादशी के लिए पारण का समय : 4 दिसंबर 2018 को 07:02 – 09:06 बजे तक
उत्पन्ना एकादशी के पारण के दिन द्वादशी तिथि समाप्त : 4 दिसंबर 2018 को 12:19 बजे
उत्पन्ना एकादशी तिथि प्रारंभ: 2 दिसंबर 2018 को 2:00 बजे से
उत्पन्ना एकादशी तिथि समाप्त: 12:59 बजे (3 दिसंबर 2018)
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