नई दिल्ली। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने बड़ा एक बड़ा फैसला लेते हुए एम.फिल कोर्स की मान्यता रद्द कर दी गई है। बता दें कि अब से किसी भी कॉलेज में एम.फिल में एडमिशन नहीं होगा। यूजीसी ने कॉलेजों को नोटिस जारी करते हुए ये निर्देश दिया है। यूजीसी सेक्रेटरी मनीष जोशी ने विद्यार्थियों से भी […]
नई दिल्ली। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने बड़ा एक बड़ा फैसला लेते हुए एम.फिल कोर्स की मान्यता रद्द कर दी गई है। बता दें कि अब से किसी भी कॉलेज में एम.फिल में एडमिशन नहीं होगा। यूजीसी ने कॉलेजों को नोटिस जारी करते हुए ये निर्देश दिया है। यूजीसी सेक्रेटरी मनीष जोशी ने विद्यार्थियों से भी ये आग्रह किया है कि वे इस कोर्स में एडमिशन न लें। मास्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री बंद करने का ये आदेश यूजीसी द्वारा आज ही पारित किया गया है।
दरअसल, जारी किए गए नोटिस में यूजीसी ने कहा है कि एम.फिल एक मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है। यूजीसी की नजर में ये आया है कि कुछ यूनिवर्सिटी एम.फिल यानी मास्टर ऑफ फिलॉसफी कोर्स में फ्रेश एडमिशन आमंत्रित कर रही हैं। ये डिग्री मान्यता प्राप्त नहीं है, इसलिए न कॉलेज इस डिग्री के लिए एडमिशन आमंत्रित करें और न ही छात्र इस कोर्स में एडमिशन लें।
बता दें कि एमफिल यानी मास्टर ऑफ फिलॉसफी एक दो साल का पोस्ट ग्रेजुएट एकेडमिक रिसर्च प्रोग्राम है। ये पीएचडी के लिए प्रोविजनल इनरोलमेंट की तरह भी काम करता है। एम.फिल की डिग्री आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज, साइंस, मैनेजमेंट, साइकोलॉजी और कॉमर्स आदि में ली जाती है। यूजीसी ने इस बाबत बने रेग्यूलेशन का जिक्र करते हुए कहा है कि ये डिग्री अमान्य है। जिसे रद्द करने की सिफारिश नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 में की गई थी। अब इस साल से इसे अमान्य घोषित कर दिया गया है।