नई दिल्ली: आज 5 नवंबर 2024 को विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है, जिसे भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी विघ्न दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी का महत्व, पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत की कथा।
हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय और विघ्नहर्ता माना जाता है। विनायक चतुर्थी पर गणेशजी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली कठिनाइयों का नाश होता है और परिवार में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश का व्रत रखने से कार्यों में सफलता मिलती है और शत्रु बाधा का अंत होता है।
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आज पूजा का शुभ समय सुबह 9 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस दौरान भगवान गणेश का विधिवत पूजन करने से भक्तों को मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है। चंद्रोदय सुबह में 10 बजकर 5 मिनट पर होगा, वहीं चंद्रास्त रात में 8 बजकर 9 मिनट पर होगा।
इस दिन भगवान गणेश का व्रत रखकर उन्हें लाल फूल, दूर्वा और मोदक का भोग अर्पित करें। व्रत रखने वाले व्यक्ति को प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए और भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक जलाकर मंत्रों का जाप करना चाहिए। गणेश जी को तिलक करने के बाद उन्हें 21 दूर्वा और मोदक का भोग लगाना चाहिए।
विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं। खासकर व्यापार और नौकरी में उन्नति के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। गणेशजी की कृपा से कार्यों में सफलता, बुद्धि और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Also Read…
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा व्हाइट हाउस छोड़ना नहीं चाहिए था, अब हो रहा अफसोस