नई दिल्ली: आज, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को यानी 13 नवंबर 2024, को तुलसी विवाह का पावन पर्व मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व है, जिसमें तुलसी माता और भगवान शालिग्राम का विवाह संपन्न किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन विवाह करने से व्यक्ति के सभी संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कई बार देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह एक दिन ही मनाया जाता है।
तुलसी विवाह की पूजा में तुलसी के पौधे को सजाया जाता है और भगवान शालिग्राम की मूर्ति को तुलसी के पास स्थापित किया जाता है। इसके बाद वैदिक मंत्रों के साथ तुलसी और शालिग्राम का विवाह संपन्न किया जाता है। विवाह की विधि में पवित्र धागे से तुलसी को बांधना, सुहाग की सामग्री जैसे सिंदूर, चूड़ी, वस्त्र आदि अर्पित करना शामिल होता है। इसके साथ ही गंध, पुष्प, दीप, और नैवेद्य का भोग लगाया जाता है।
तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त आज दोपहर 01 बजकर 01 मिनट तक है। इस समय में पूजा करने से अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है और गृहस्थ जीवन में खुशियों का संचार होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार सिद्धि योग का निर्माण कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर हो रहा है। दोपहर 03 बजकर 26 मिनट से इस योग का शुभारंभ होगा। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।
तुलसी विवाह के दौरान भगवान को पवित्र भोग चढ़ाया जाता है जिसमें फल, मिठाई और विशेष रूप से गुड़ और मूंग का प्रसाद शामिल होता है। यह भोग भगवान को अर्पित करने के बाद परिवार के सभी सदस्यों में बांटा जाता है।
शास्त्रों के अनुसार, तुलसी विवाह के बाद ही विवाह के अन्य मांगलिक कार्य आरंभ किए जाते हैं। इस दिन तुलसी माता की पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-शांति का वास होता है। तुलसी विवाह का यह पर्व भक्तों के लिए श्रद्धा का दिन होता है, जिसमें वे ईश्वर से सुखमय जीवन और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।
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