नई दिल्ली: आज, 13 नवंबर 2024, कार्तिक माह का अंतिम प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है, जो भगवान शिव को समर्पित है। हिन्दू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है क्योंकि इसे शुभ फलदायी और समृद्धि लाने वाला माना गया है। कार्तिक प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा और उपवास से सुख-शांति, स्वास्थ्य, और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
आज प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त शाम को 05:28 बजे से रात 08:07 बजे तक रहेगा, जो कुल 2 घंटे 39 मिनट का है। इस समय में भगवान शिव का अभिषेक, पूजा और आरती करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। श्रद्धालु इस समय के दौरान व्रत कथा का पाठ कर सकते हैं और शिवजी से परिवार की सुख-शांति और स्वास्थ्य की कामना कर सकते हैं।
प्रदोष व्रत में भगवान शिव का पूजन व्यक्ति के जीवन से सभी तरह के कष्ट और दुखों को दूर करने में सहायक होता है। यह व्रत करने से ग्रहों की अशुभ दशा दूर होती है और शत्रु भय से भी मुक्ति मिलती है। कार्तिक माह का प्रदोष व्रत विशेष फलदायी माना जाता है क्योंकि यह महीना स्वयं धार्मिक दृष्टि से पवित्र और पावन है। इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक और बिल्वपत्र अर्पित करने का विशेष महत्व है।
चंदन, अक्षत, फल, फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, कलावा, कपूर, दीपक, अबीर, गुलाल आदि
प्रदोष व्रत में सुबह जल्दी उठकर स्नान करके भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए। फिर शाम के समय शिव मंदिर जाकर भगवान शिव का जल, दूध और गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। अंत में शिव चालीसा और प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें। इस व्रत के पालन से भगवान शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
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