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आज है साल की पहली पुत्रदा एकादशी, जानें इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है और साल 2025 की पहली एकादशी पुत्रदा एकादशी के रूप में मनाई जा रही है। यह व्रत संतान प्राप्ति की कामना करने वाले दंपतियों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

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Putrada Ekadashi
  • January 10, 2025 8:13 am Asia/KolkataIST, Updated 5 hours ago

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है और साल 2025 की पहली एकादशी पुत्रदा एकादशी के रूप में मनाई जा रही है। यह व्रत संतान प्राप्ति की कामना करने वाले दंपतियों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। पुत्रदा एकादशी हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।

पुत्रदा एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त

पंचाग के अनुसार 9 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 33 मिनट पर पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत होगी। इसके साथ ही 10 जनवरी को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर एकादशी तिथि का समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी 2025 को रखा जाएगा।

व्रत पारण का समय

पारण करने का भी पुत्रदा एकादशी में काफी विशेष महत्व है। पंचाग के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का पारण 11 जनवरी 2025 को यानी दूसरे दिन किया जाएगा। सुबह 7 बजकर 15 से सुबह 8 बजकर 21 मिनट पर पारण का समय होगा। बता दें कि एकादशी का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है। 11 जनवरी को द्वादशी तिथि सुबह 8 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा।

पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि

1. स्नान और संकल्प: प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें।

2. भगवान विष्णु की पूजा: भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और चंदन, पुष्प, धूप, दीपक और नैवेद्य अर्पित करें।

3. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ: इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना बेहद लाभकारी माना जाता है।

4. भोजन का त्याग: व्रत के दौरान अन्न ग्रहण न करें। फलाहार करें और दिनभर भगवान विष्णु का स्मरण करें।

5. दान-पुण्य: जरूरतमंदों को दान करें। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

व्रत का महत्व

पुत्रदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से उन दंपतियों के लिए शुभ माना जाता है जो संतान सुख की प्राप्ति की कामना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से भगवान विष्णु सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। साथ ही, यह व्रत पापों का नाश करता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।

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