हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष 30 दिसंबर 2024 को सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है। इस दिन को पितरों की तृप्ति, पुण्य अर्जन और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष 30 दिसंबर 2024 को सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है। इस दिन को पितरों की तृप्ति, पुण्य अर्जन और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। सोमवती अमावस्या का योग तब बनता है जब अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़े। इसे विशेष रूप से पवित्र और फलदायक माना गया है। आइए जानते हैं इस दिन की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इसके धार्मिक महत्व के बारे में।
– अमावस्या तिथि आरंभ: 30 दिसंबर 2024 को रात 04:01 बजे
– अमावस्या तिथि समाप्त: 31 दिसंबर 2024 को रात 03:56 बजे
इस प्रकार, पूरे दिन सोमवती अमावस्या का पुण्यकाल रहेगा। पूजा और दान का श्रेष्ठ समय सुबह से लेकर सूर्यास्त तक रहेगा।
1. स्नान और शुद्धि: प्रातःकाल सूर्योदय से पहले गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है। यदि नदी में स्नान संभव न हो, तो घर पर ही जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
2. पीपल पूजन: इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। वृक्ष के चारों ओर 108 बार कच्चा धागा लपेटते हुए परिक्रमा करें और जल अर्पित करें।
3. तुलसी पूजन: तुलसी के पौधे की पूजा कर उसे जल चढ़ाएं। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए लाभकारी माना गया है।
4. दान-पुण्य: इस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़ और दक्षिणा का दान करें। गौ-दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
5. सूर्य अर्घ्य: प्रातःकाल सूर्य को जल अर्पित करें और “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें। यह आपकी आर्थिक समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
सोमवती अमावस्या का संबंध चंद्रमा और सूर्य की स्थिति से है। यह दिन पितरों के तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए उत्तम माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। विवाहित महिलाओं के लिए यह व्रत अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन व्रत करने और कथा सुनने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। सोमवती अमावस्या पर नदी स्नान, व्रत और दान करने से न केवल जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है, बल्कि यह दिन आपके पिछले कर्मों के दोषों को भी कम करता है।
Also Read…