नई दिल्ली: हिंदू धर्म में कालाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान काल भैरव की आराधना के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि भगवान काल भैरव का व्रत रखने से जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। साथ ही, यह व्रत मानसिक शांति और सुख-समृद्धि प्रदान करता है।
1. व्रत करने वाले व्यक्ति को प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. घर के पूजा स्थल को शुद्ध करें और वहां भगवान काल भैरव की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
3. भगवान को धूप, दीप, काले तिल, सरसों का तेल, नींबू, और काले वस्त्र अर्पित करें।
4. विशेष रूप से काले कुत्ते को भोजन कराना शुभ माना जाता है क्योंकि यह भगवान भैरव का वाहन है।
5. रात्रि के समय भगवान काल भैरव की कथा सुनें या भैरव चालीसा का पाठ करें।
6. व्रत का पारण अगले दिन सुबह करें।
– कालाष्टमी तिथि प्रारंभ: 22 नवंबर 2024, रात 11:23 बजे।
– कालाष्टमी तिथि समाप्त: 23 नवंबर 2024, रात 7:56 बजे।
– पूजा का सबसे शुभ समय: रात 11:45 बजे से रात 12:30 बजे तक।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान काल भैरव की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यह व्रत न केवल आत्मिक शुद्धि करता है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा भी लाता है।
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