ऐसा होता है मौत के बाद का संसार, जानें गरुड़ पुराण में लिखी आत्मा और नरक की सच्चाई

नई दिल्ली: गरुड़ पुराण भारतीय धार्मिक ग्रंथों में से एक है, जिसमें जीवन के बाद आत्मा के सफर और मृत्यु के पश्चात के संसार की गहराइयों का वर्णन मिलता है। गरुड़ पुराण का यह ज्ञान हिंदू धर्म के अनुयायियों को आत्मा, कर्म, और नरक के बारे में समझने में मदद करता है। इसमें बताया गया […]

Advertisement
ऐसा होता है मौत के बाद का संसार, जानें गरुड़ पुराण में लिखी आत्मा और नरक की सच्चाई

Shweta Rajput

  • November 10, 2024 12:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 weeks ago

नई दिल्ली: गरुड़ पुराण भारतीय धार्मिक ग्रंथों में से एक है, जिसमें जीवन के बाद आत्मा के सफर और मृत्यु के पश्चात के संसार की गहराइयों का वर्णन मिलता है। गरुड़ पुराण का यह ज्ञान हिंदू धर्म के अनुयायियों को आत्मा, कर्म, और नरक के बारे में समझने में मदद करता है। इसमें बताया गया है कि आत्मा की मृत्यु के बाद का सफर कैसे होता है, उसके कर्मों के अनुसार उसे क्या परिणाम भुगतने पड़ते हैं और नरक में उसे किस यातनाओं का सामना करना पड़ सकता है।

आत्मा का सफर

गरुड़ पुराण के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो उसकी आत्मा एक नई यात्रा पर निकलती है। इसे यमलोक ले जाया जाता है, जहां यमराज आत्मा के कर्मों का लेखा-जोखा देखते हैं। धर्म और अधर्म के अनुसार आत्मा के आगे के सफर का निर्णय होता है। अच्छे कर्म करने वाली आत्मा को स्वर्ग मिलता है, जबकि पाप करने वाली आत्मा को नरक की यातनाएं भुगतनी पड़ती हैं।

कर्म और उसके प्रभाव

गरुड़ पुराण में यह वर्णित है कि हमारे कर्मों का असर सिर्फ वर्तमान जीवन में ही नहीं, बल्कि मृत्यु के बाद भी आत्मा पर पड़ता है। यदि किसी ने धर्म के मार्ग पर चलते हुए परोपकार और अच्छे कर्म किए हों, तो उसकी आत्मा को सुख मिलता है। वहीं, अधर्म और पाप के रास्ते पर चलने वाले को नरक की पीड़ाओं का सामना करना पड़ता है। इसे ‘कर्म का सिद्धांत’ कहा जाता है, जिसका पालन हर आत्मा पर लागू होता है।

नरक की यातनाएं

गरुड़ पुराण में नरक के विभिन्न स्तरों और वहां मिलने वाली यातनाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। नरक को 28 प्रकारों में बाँटा गया है, जहाँ हर पाप के लिए अलग-अलग यातनाएँ दी जाती हैं। उदाहरण के तौर पर, किसी ने चोरी की है, तो उसे एक विशेष नरक में भेजा जाता है, जहाँ उसे अपने कर्मों की सजा भुगतनी होती है। इसी प्रकार हत्या, झूठ, धोखा जैसे पापों के लिए भी अलग-अलग सज़ाएं हैं।

पुनर्जन्म और मुक्ति

गरुड़ पुराण में पुनर्जन्म का भी वर्णन है। यह कहा गया है कि आत्मा को तब तक पुनर्जन्म लेना पड़ता है जब तक वह अपने सभी कर्मों का फल नहीं भोग लेती और परमात्मा के समीप नहीं पहुँच जाती। धर्म और अधर्म के मार्ग पर चलकर आत्मा अपने कर्मों का हिसाब पूरा करती है, और तभी उसे मुक्ति का अवसर मिलता है। इसे ‘मोक्ष’ कहा गया है, जो आत्मा का अंतिम लक्ष्य है।

गरुड़ पुराण से सीख

गरुड़ पुराण हमें सिखाता है कि इस जीवन में किए गए कर्मों का असर सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं होता, बल्कि मृत्यु के बाद भी आत्मा के साथ रहता है। यह हमें प्रेरित करता है कि हम अच्छे कर्म करें, किसी का बुरा न सोचें, और अपने जीवन को धर्म और सत्य के मार्ग पर चलाते हुए बिताएं। क्योंकि यही कर्म हमारे अगले जीवन के सुख और दुख को निर्धारित करते हैं।

Also Read…

अब ऑनलाइन बच्चे पैदा होंगे, बीजेपी सांसद की मोबाइल से मोहब्तत पर फिसली जुबान

महाराष्ट्र के लिए अमित शाह ने जारी किया घोषणापत्र, महिलाओं को देंगे 2100 रुपये महीना, किसानों-नौजवानों के लिए भी बहुत कुछ

Advertisement