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आज की शाम लक्ष्मी-गणेश पूजा के लिए ये समय है उचित, जानिए मुहूर्त व पूजा विधि

आज की शाम लक्ष्मी-गणेश पूजा के लिए ये समय है उचित, जानिए मुहूर्त व पूजा विधि

  • WRITTEN BY: Amisha Singh
  • LAST UPDATED : October 24, 2022, 9:56 am IST

Diwali Puja In Hindi: आज का दिन हिंदुओं के लिए सबसे बड़ा एवं खास है. दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन रहता है. आज के दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी की सच्चे दिल से पूजा-आराधना करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक आज के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त के बारे में भी बताया गया है. तो आइये बिना किसी देरी के जान लेते हैं लक्ष्मी-गणेश की पूजा का शुभ समय क्या है?

 

Diwali Pujan Shubh Muhurat 2022 (दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त 2022)

 

हमारे धर्म ने ऐसी मान्यता है कि यदि कोई मंगल कार्य शुभ मुहूर्त में किया जाए, कार्य के फलदायी होने की संभावना बढ़ जाती है. शुभ मुहूर्त में कोई भी कार्य करने से आपके कार्य बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं और देवी-देवताओं की असीम कृपा बनी रहती है. ऐसे में आइये जानते हैं आज की दिवाली पर पूजन के शुभ मुहूर्त व इसके समय के बारे में.

 

प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त – आज शाम 5 बजकर 50 मिनट से रात 8 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त- आज शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।

अभिजीत का शुभ मुहूर्त- आज सुबह 11 बजकर 19 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक रहेगा।

अमृत काल का शुभ मुहूर्त – आज सुबह 08 बजकर 40 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।

विजय का शुभ मुहूर्त- आज दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से 02 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

गोधूलि का शुभ मुहूर्त- आज शाम 05 बजकर 12 मिनट से 05 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।

 

Diwali 2022 Puja Vidhi

आज के दिन आप सबसे पहले पूजा का संकल्प लें इसके साथ ही आप घर में भगवान श्री . गणेश जी, लक्ष्मी मां और सरस्वती जी के साथ-साथ कुबेर देव की मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद आप एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर इसके ऊपर मूर्ति स्थापना करें। फिर भगवान के लिए पूजा सामग्री अर्पित करें. अब आप घी की ज्योत जलाएं। तत्पश्चात . ऊं श्रीं श्रीं हूं नम: का 11 बार जाप करें। इसके बाद आप एक एकाक्षी नारियल और 11 कमलगट्टे रखें व महालक्ष्मी यज्ञ की शुरुआत करें। ध्यान रहे इस यज्ञ को उत्तर दिशा में प्रतिष्ठापित करें। पूजा के आखिर में आप देवी सूक्तम का पाठ जरूर करें.

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए इनख़बर किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है.)

 

 

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