अर्जुन के साथ संबंध बनाने को आतुर थीं ये अप्सरा लेकिन एक रात के बदले…

Mahabharat: शास्त्रों के मुताबिक देवराज इंद्र के दरबार में 11 अप्सराएं प्रमुख सेविका मानी जाती थीं। इनका नाम कृतस्थली, पुंजिकस्थला,घृताची, वर्चा, उर्वशी,मेनका, रम्भा, पूर्वचित्ति और तिलोत्तमा था। इन सबमें रंभा प्रधान अप्सरा थीं। एक बार इंद्र की सभा में उर्वशी पांडु पुत्र अर्जुन को देखकर मोहित हो गई। वो उनके समक्ष प्रणय का निवेदन करने […]

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अर्जुन के साथ संबंध बनाने को आतुर थीं ये अप्सरा लेकिन एक रात के बदले…

Pooja Thakur

  • August 12, 2024 1:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

Mahabharat: शास्त्रों के मुताबिक देवराज इंद्र के दरबार में 11 अप्सराएं प्रमुख सेविका मानी जाती थीं। इनका नाम कृतस्थली, पुंजिकस्थला,घृताची, वर्चा, उर्वशी,मेनका, रम्भा, पूर्वचित्ति और तिलोत्तमा था। इन सबमें रंभा प्रधान अप्सरा थीं। एक बार इंद्र की सभा में उर्वशी पांडु पुत्र अर्जुन को देखकर मोहित हो गई। वो उनके समक्ष प्रणय का निवेदन करने लगी। उर्वशी एक रात अर्जुन के साथ बिताना चाहती थीं लेकिन उन्होंने यह निवेदन ठुकरा दिया। आइये जानते हैं अर्जुन ने उर्वशी का हृदय क्यों तोड़ा?

जब इंद्र ने उर्वशी को मृत्युलोक भेजा

एक बार ऐसे ही इंद्र की सभा में उर्वशी के नृत्य को देखकर राजा पुरुरवा आकृष्ट हो गए। इस वजह से उनकी चल बिगड़ गई। इंद्र ने क्रोधित होकर दोनों को मृत्युलोक में रहने का श्राप दे दिया। मृत्युलोक में पुरुरवा और उर्वशी पति-पत्नी बनकर रहे। उनके कई पुत्र हुए। इनमें से आयु के पुत्र नहुष हुए। फिर नहुष के ययाति, संयाति, अयाति, अयति और ध्रुव पुत्र हुए। इनमें से ययाति के यदु, तुर्वसु, द्रुहु, अनु और पुरु पुत्र थे। पुरु का वंश आगे चलकर कुरु कहलाये। कुरु से कौरव हुए। इस तरह से पांडव भी कुरुवंशी थे।

उर्वशी ने अर्जुन को दिया श्राप

अर्जुन से जब उर्वशी ने प्रणय के लिए विनती की तो उन्होंने इंकार करते हुए कहा कि, हे देवी! हमारे पूर्वज ने आपसे विवाह करके हमारा वंश बढ़ाया था। आप पुरु वंश की जननी हैं। इस नाते आप मेरे लिए मां सामान हुई है। अर्जुन की ये बातें सुनकर उर्वशी क्रोधित हो गईं और कहा कि तुम नपुंसकों की तरह बोल रहे हो। मैं तुम्हें श्राप देती हूं कि एक वर्ष तक तुम नपुंसक रहोगे। आगे चलकर अज्ञातवास के दौरान अर्जुन विराट नरेश के महल में किन्नर वृहन्नलला बनकर एक साल रहे।

 

 

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