अध्यात्म

नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित जानें रोचक कथा

नई दिल्लीः नवरात्रि का पावन पर्व जारी है और आज मां दुर्गा के‌‌ मां चंद्रघंटा रूप की पूजा होती है. मगर क्या आपको मालूम है मां के हर रूप एक कहानी है जिसको जानना बहुत जरूरी है सनातन धर्म के अनुसार हर एक दिन का एक अलग महत्व है और खास कर तो त्योहारों की‌ ऐसी ही विषेशता रखती है मां दुर्गा की नवरात्रि एवं मां के अलग अलग रूपों के बारे में तो चलिए जानते हैं मां चंद्रघंटा की कहानी के बारे में और आज कौन से उपाय से मां हो सकतीं हैं खुश तो चलिए जानते हैं.

मां चंद्रघंटा की कथा

दीर्घकाल में महिषासुर नामक असुर का आतंक बढ़ गया था. उसके आतंक से तीनों लोक में कुहराम मंच गया था. भगवान द्वारा दिए अतुल बल से महिषासुर बहुत शक्तिशाली हो गया था. वह शक्ति का दुरुपयोग कर स्वर्ग पर अपना अधिकार जमाना चाहता था। तथा इस प्रयास में वह प्रायः सफल भी हो गया था.जिसकी बजह से स्वर्ग के देवता भयभीत हो गए थे. स्वर्ग के देव इंद्रदेव के लिए भी ये चिंता का विषय बन गया. क्योंकि महिषासुर स्वर्ग का सिहांसन पाना चाहता था.

उस समय सभी देवता ब्रह्मा जी से सहायता मांगने पहुंचे. ब्रह्मा जी बोले- वर्तमान समय में तो महिषासुर को पराजित करना आसान नहीं है. इसके लिए हम सभी को महादेव से रक्षा मंगाने जाना होगा. उस समय सभी देवता सबसे पहले जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु के पास गए और उनसे सहमति लेकर सभी भगवान शिव के पास कैलाश पहुंचे और सारी बात महादेव को बताई इंद्र देव की बात सुन महादेव क्रोधित होकर बोले-महिषासुर अपने बल का गलत प्रयोग कर रहा है. इस लिए उसे अवश्य दंड मिलेगा

उस समय भगवान श्री हरि विष्णु और ब्रह्मा जी भी क्रोधित हो उठ. उनके क्रोध से एक तेज प्रकट हुआ . इसी ऊर्जा से एक देवी प्रकट हुईं. उन देवी का नाम चंद्रघंटा रखा गया. उस समय तीनों देवताओं ने अपने अपने अस्त्र शस्त्र देवी को दिए‌ पहले भगवान शिव ने देवी मां को अपना त्रिशूल दिया. फिर श्री हरि ने अपना सुदर्शन चक्र दिया और इंद्र देव ने घंटा प्रदान किया.

तब मां चंद्रघंटा ने त्रिदेव की अनुमति से महिषासुर को युद्ध के लिए ललकारा. शास्त्रों में बताया गया है कि कालांतर में मां चंद्रघंटा और महिषासुर के मध्य भीषण युद्ध चला . इस युद्ध में मां के प्रहार के सामने महिषासुर टिक न पाया. उस समय महिषासुर का वध कर दिया और मां ने तीनों लोकों की रक्षा की. तभी से मां चंद्रघंटा की पूजा उपासना की जाती है. मां अपने भक्तों सारे दुख हर लेती हैं. तथा सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करती हैं. तभी से नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की उपासना होती आ रही है

Sachin Kumar

मैं सचिन कुमार, इनखबर टीम में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर हूं। मुझे पोलिटिक्ल और स्पोर्टस की खबरें लिखने में काफी रुची है।

Recent Posts

श्याम बेनेगल की ये 6 फिल्म, जो समाज को दिखाती हैं आईना

श्याम बेनेगल भारतीय सिनेमा का एक बड़ा नाम हैं, जिन्हें शायद ही किसी परिचय की…

4 minutes ago

नौकरी करने वाले युवाओं को झटका दे सकता है ये वीडियो… कमजोर दिल वाले न पढ़ें

इन सज्जन से पूछा गया कि आप क्या सपोर्ट चाहते हैं जिससे आपकी जिंदगी बदल…

5 minutes ago

बांग्लादेश आया पाकिस्तान का जहाज, भारत के लिए टेंशन, जानें पूरा मामला

यह जहाज कराची से दुबई होते हुए चटगांव पहुंचा। इस जहाज का संचालन दुबई की…

30 minutes ago

दिल्ली मेट्रो में दो लड़कियों ने किया ऐसा काम… वीडियो देखकर दंग रह जाएंगे आप

वायरल वीडियो आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया गया। पोस्ट का शीर्षक था,…

41 minutes ago

फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का निधन, 90 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

फिल्म जगत में श्याम बेनेगल के योगदान को देखते उन्हें 1976 में पद्मश्री और 1991…

55 minutes ago

98 कंगारुओं को मारने वाला आरोपी हुआ गिरफ्तार, जनता ने ली राहत की सांस

कंगारू संघीय सरकार के स्वामित्व वाली भूमि पर मृत पाया गए और मृत शरीर के…

56 minutes ago