नई दिल्ली: जगन्नाथ मंदिर, भगवान जगन्नाथ का पवित्र धाम है, जहाँ श्रीकृष्ण, उनकी बहन सुभद्रा और बलराम के साथ स्थापित हैं। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय के चार प्रमुख धामों में से एक है और हर हिंदू के जीवन में एक बार यहाँ जाने की इच्छा होती है।
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को इस मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। यह पाबंदी गांधी परिवार के इतिहास से जुड़ी हुई है।
1984 में, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जगन्नाथ मंदिर जाने की इच्छा जताई, तो उन्हें अनुमति नहीं मिली। मंदिर के नियम के अनुसार, केवल पारंपरिक हिंदुओं को ही प्रवेश की अनुमति है। इसका मतलब है कि सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोगों को यहाँ आने की अनुमति है, लेकिन अन्य धर्मों के अनुयायियों को नहीं।
राहुल गांधी, जो खुद को दत्तात्रेय गोत्र का ब्राह्मण बताते हैं, मंदिर प्रशासन के अनुसार गैर-हिंदू माने जाते हैं। इसके पीछे कारण है इंदिरा गांधी की शादी। इंदिरा गांधी ने फ़िरोज़ गांधी से विवाह किया, जो जाति से पारसी थे। हिंदू धर्म में, शादी के बाद किसी महिला का गोत्र उसके पति का हो जाता है। इस कारण से इंदिरा गांधी का गोत्र भी पारसी माना गया, और इसी वजह से उनके परिवार के सदस्यों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
इंदिरा गांधी ही नहीं, बल्कि उनके बच्चे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी इस मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है। अगर वे दर्शन करना चाहें, तो केवल साल में एक बार होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा में भाग ले सकते हैं। इस प्रकार, गांधी परिवार की मंदिर में एंट्री पर पाबंदी उनके पारिवारिक इतिहास और मंदिर के नियमों से जुड़ी हुई है।
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