नई दिल्ली: माघ पूर्णिमा के दिन माघ स्नान माह का समापन होता है. ब्रह्मवैवर्त पुराण के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु जल में निवास करते है. धार्मिक मान्यता है कि माघ के महीने में सभी देवी-देवता स्वर्ग से उतरते हैं और इस महीने के दौरान पृथ्वी पर निवास करते हैं, प्रत्येक माह की पूर्णिमा के दिन सभी देवता भगवान विष्णु को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रयाग के जल में स्नान करने के बाद अपने-अपने लोक लौट आते हैं.
1. माघ पूर्णिमा के दिन पुण्यदायी नदियों, तालाबों या समुद्र के शीतल जल में स्नान करने और सूर्य अर्घ्य देने से सभी पापों और रोगों का नाश होता है. मन और आत्मा शुद्ध हो जाते हैं.
2. पूर्णिमा तिथि श्री विष्णु और माता लक्ष्मी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है. इस दिन लोग सुबह जल्दी उठते हैं, स्नान करते हैं और देवी लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, और उन्हें बताशा, मकनाखीर, दूध से बनी सफेद मिठाई खिलाएं. इसके साथ माता लक्ष्मी कृत सहस्रनाम स्तोत्र और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें, क्योंकि इससे धन लाभ की संभावना बनती है.
3. संतान के जन्म से जुड़ी किसी भी समस्या और बाधा को दूर करने के लिए इस दिन भगवान कृष्ण की सच्चे मन से पूजा करनी चाहिए और पीले कपड़े पहनने चाहिए, गोपाल सहस्रनाम का जाप करें और कान्हाजी की पूजा करने के बाद बेसन के लड्डू या बेसन का भोग जरूर लगाएं.
4. पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु और उनकी प्रिय देवी लक्ष्मी का निवास माना जाता है. माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर दूध मिश्रित जल अर्पित किया जाता है और दीपक जलाया जाता है. इससे आपको भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिलेगा.
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