यहां पर घने जंगल में छिपा है मां ब्रह्मचारिणी का दिव्य मंदिर, कद्दू की होती है पूजा, दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

नई दिल्ली: शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुकी है। नौ दिनों तक इस पावन पर्व में देवी के नौ अलग-अलग स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। परंतु क्या आपको पता है कि मध्य प्रदेश के देवास जिले में स्थित मां ब्रह्मचारिणी का यह मंदिर आस्था, श्रद्धा और परंपरा का एक अनूठा संगम है। यहां […]

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यहां पर घने जंगल में छिपा है मां ब्रह्मचारिणी का दिव्य मंदिर, कद्दू की होती है पूजा, दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

Shweta Rajput

  • October 4, 2024 2:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुकी है। नौ दिनों तक इस पावन पर्व में देवी के नौ अलग-अलग स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। परंतु क्या आपको पता है कि मध्य प्रदेश के देवास जिले में स्थित मां ब्रह्मचारिणी का यह मंदिर आस्था, श्रद्धा और परंपरा का एक अनूठा संगम है। यहां कद्दू की पूजा एक विशेष धार्मिक परंपरा है, जो इस मंदिर को और भी खास बनाती है। नवरात्रि के दिनों में यहां की धार्मिकता और उत्सव का माहौल चरम पर होती है।

मां ब्रह्मचारिणी: नवरात्रि का दूसरा दिन

मां ब्रह्मचारिणी को देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में से एक माना जाता है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने घोर तपस्या करके भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। उनकी तपस्या की वजह से उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा जाता है, जिसका अर्थ है तपस्या और साधना की देवी।

कद्दू की अनोखी पूजा

इस मंदिर की सबसे अनोखी परंपरा कद्दू की पूजा है। यहां हर वर्ष विशेषतौर पर नवरात्रि के दौरान श्रद्धालु कद्दू चढ़ाते हैं। जो लोग मन्नत मांगते हैं वह यहां पर माता को भेट के रूप में कद्दू चढ़ाते हैं। यह परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है और भक्तजन इसे विशेष आस्था और श्रद्धा के साथ निभाते हैं। कहा जाता है कि कद्दू चढ़ाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

धार्मिक मान्यता और आस्था

यह मंदिर देवास के बेहरी से करीब 2 किलोमीटर दूर कच्चे रास्तों से होकर आता है। यहां रोजाना श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए घने जंगल और उबड़-खाबड़ रास्तों के बावजूद भी पहुंचते हैं। इस मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी यहां अपनी दिव्य शक्ति से भक्तों की हर परेशानी को दूर करती हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु, खासकर नवरात्रि के दिनों में बड़ी संख्या में आते हैं और मां के चरणों में कद्दू चढ़ाकर अपने जीवन में सुख और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि कद्दू को पहले विशेष तरीके से शुद्ध किया जाता है, फिर मां ब्रह्मचारिणी के समक्ष अर्पित किया जाता है। इसके बाद इसे प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है।

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