नई दिल्ली. साल का अंतिम सूर्य ग्रहण ( Surya Grahan ) 4 दिसंबर को लगने वाला है. हिन्दू पंचांग के मुताबिक ये ग्रहण मार्गशीर्ष मास की अमावस्या को वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगने जा रहा है. वैसे तो सूर्य ग्रहण लगना एक खगोलिय घटना है, लेकिन पंचांग और ज्योतिष के अनुसार इसकी विशेष […]
नई दिल्ली. साल का अंतिम सूर्य ग्रहण ( Surya Grahan ) 4 दिसंबर को लगने वाला है. हिन्दू पंचांग के मुताबिक ये ग्रहण मार्गशीर्ष मास की अमावस्या को वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगने जा रहा है. वैसे तो सूर्य ग्रहण लगना एक खगोलिय घटना है, लेकिन पंचांग और ज्योतिष के अनुसार इसकी विशेष मान्यताएं हैं.
ग्रहण एक खगोलिय घटना होते हुए भी विशेष मान्यताएं रखता है. जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है तब कुछ देर के लिए पृथ्वी पर पूर्ण या आंशिक ग्रहण देखने को मिलता है. इसी घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं.
अपनी परिक्रमा पूरी करते हुए जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तब ग्रहण लगता है. जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, इस तरह जब सूर्य की छाया पृथ्वी पर बिल्कुल नहीं पड़ती तब इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं.
जब चंद्रमा अपनी परिक्रमा पूरी करते हुए सूर्य और पृथ्वी के मध्य इस तरह कि सूर्य का कुछ ही भाग पृथ्वी से दिखाए दे यानि आधा भाग चंद्रमा अपनी छाया से ढक ले, तब इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं.
वलयाकार सूर्य ग्रहण में जब चंद्रमा पृथ्वी के काफ़ी दूर रहते हुए भी सूर्य और पृथ्वी के मध्य आ जाता है. वलयाकार सूर्यग्रहण में चंद्रमा इस तरह सूर्य को ढकता है कि सूर्य का केवल मध्य भाग ही छाया क्षेत्र में आता है और पृथ्वी से देखने पर चंद्रमा द्वारा सूर्य पूरी तरह ढका दिखाई नहीं देता, बल्कि सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होने के कारण कंगन या लय के रूप में चमकता दिखाई देता है, इसीलिए इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं.
4 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, ये ग्रहण भारत में नहीं लगेगा. इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा क्योंकि यह ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है. सूतक काल उसी ग्रहण का माना जाता है जो अपने क्षेत्र में दृश्यमान हो.