नई दिल्ली: आज, 2 अक्टूबर 2024 बुधवार के दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा, जो अश्विन अमावस्या तिथि को पड़ता है। यह सूर्य ग्रहण भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई देगा। आज का सूर्य ग्रहण कुल मिलाकर लगभग 6 घंटे का रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक हमेशा अमावस्या के दिन ही सूर्य […]
नई दिल्ली: आज, 2 अक्टूबर 2024 बुधवार के दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा, जो अश्विन अमावस्या तिथि को पड़ता है। यह सूर्य ग्रहण भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई देगा। आज का सूर्य ग्रहण कुल मिलाकर लगभग 6 घंटे का रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक हमेशा अमावस्या के दिन ही सूर्य ग्रहण लगता है, जबकि चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन लगता है। सूतक काल सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले ही लग जाता है। इस दौरान घरों में लोग किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं करते हैं। सूतक काल में खाना, पूजा पाठ, भोजन बनाना, आदि नहीं करते हैं। इतना ही नहीं इस समय सभी मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।
साल के अंतिम सूर्य ग्रहण की शुरुआत 2 अक्टूबर को रात 9 बजकर 13 मिनट पर होगी और इसका समापन 3 अक्टूबर गुरुवार को तड़के 3 बजकर 17 मिनट पर होगा। ह सूर्य ग्रहण कुल 6 घंटे 4 मिनट तक रहने वाला है। इस दौरान आसमान में हल्की अंधकार की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
साल का अंतिम सूर्य उरुग्वे, पेरू, न्यूजीलैंड, फिजी, इक्वेडोर, चिली, अर्जेंटीना, ब्राजील, मैक्सिको, अंटार्कटिका, टोंगा, अमेरिका, परागुआ, आदि जगहों पर भी दिखाई देने वाला है। परंतु पूर्ण सूर्य ग्रहण चिली और अर्जेंटीना में देखने को मिल सकता है।
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जानकारी के मुताबिक भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इस कारण से इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। परंतु भारत में यदि सूर्य ग्रहण इसका सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाता है।
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1. सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद शुद्धिकरण के लिए स्नान करने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में कुछ नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है, जिसे स्नान से दूर किया जा सकता है।
2. स्नान के बाद भगवान की पूजा और ध्यान करें। यह समय आध्यात्मिक शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के संचार का होता है।
3. ग्रहण के बाद दान करना शुभ माना जाता है। जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करने से अच्छे कर्म और मानसिक शांति मिलती है।
4. ग्रहण के बाद पुराने भोजन को त्याग कर ताजे भोजन का सेवन करें। ग्रहण के दौरान पकाया गया या रखा हुआ भोजन ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित हो सकता है।
5. ग्रहण के बाद भोजन पकाने के बाद उसमें तुलसी के पत्ते अवश्य डाल दें। पूजा के बाद लाल वस्त्र, लाल फल, लाल फूल, गेहूं आदि का दान करें। ये सभी वस्तुएं सूर्य देव से जुड़ी हुई हैं।
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