नई दिल्लीः इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी एशिया और दक्षिण-पश्चिमी यूरोप में दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि […]
नई दिल्लीः इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी एशिया और दक्षिण-पश्चिमी यूरोप में दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि जिन स्थानों पर सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देता, वहां सूर्य ग्रहण होना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन सूर्य और चंद्रमा पूरे ब्रह्मांड में एक जैसे हैं और इसलिए पूरे पर्यावरण पर एक निश्चित प्रभाव डालते हैं। ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है। तो, जानें कि इस अवधि के दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
सूतक का प्रयोग आमतौर पर सूर्य ग्रहण के दौरान किया जाता है। सूतक काल में कई सारी चीज़ों का ध्यान रखना पड़ता है, खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा, लेकिन ग्रहण के दौरान किन चीज़ों को करने की मनाही होती है, इसके बारे में जान लेना जरूरी है।
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
इस दौरान खाना खाने या बनाने से परहेज करें.
ग्रहण के दौरान ज्यादा काम न करें बल्कि आराम करें।
चाहे सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, इसे नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।
ग्रहण के दौरान आपको चाकू, कैंची या अन्य नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
ग्रहण के समय फल व सब्जियां भी नहीं काटना चाहिए।
ग्रहण के सोना अवॉयड करें, हां आराम कर सकती हैं।
सूर्य ग्रहण के बाद नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें।
ग्रहण के दौरान पहने हुए कपड़ों का दान करें।
माना जाता है कि इससे मां और बच्चा स्वस्थ रहते हैं। इसका कोई नकारात्मक प्रभाव भी नहीं पड़ता.
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