नई दिल्ली. हर साल दीपावली के मौके पर सूर्यग्रहण पड़ता है जिसे लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की शंकाएं रहती हैं. दिवाली का पर्व कब मनाया जाएगा? और प्रतिपदा के दिन पड़ने वाली सभी परंपराओं का निर्वहन किस तरह किया जाएगा ऐसे सवाल आपके मन में भी जरूर आते होंगे, लेकिन घबराने वाली कोई […]
नई दिल्ली. हर साल दीपावली के मौके पर सूर्यग्रहण पड़ता है जिसे लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की शंकाएं रहती हैं. दिवाली का पर्व कब मनाया जाएगा? और प्रतिपदा के दिन पड़ने वाली सभी परंपराओं का निर्वहन किस तरह किया जाएगा ऐसे सवाल आपके मन में भी जरूर आते होंगे, लेकिन घबराने वाली कोई बात नहीं है आप बस ग्रहण काल के दौरान भगवान के मंत्रो का जाप करें. भारत में आंशिक सूर्यग्रहण लगने वाला है, लेकिन इसका असर देश भर में देखने को मिलेगा.
भारत में ग्रहण काल की शुरुआत शाम को 4 बजकर 22 मिनट से होगी और ये 5 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. ग्रहण काल की अवधि 1 घंटा, 19 मिनट की है. वहीं, अगर सूतक काल की बात करें तो 25 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 17 मिनट से ही सूतक काल शुरू हो चुका है. वैसे तो ग्रहण काल की अवधि लगभग एक घंटा 20 मिनट की है लेकिन ज्योतिषियों की मानें तो 4:30 बजे इस ग्रहण का सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा.
ग्रहण खत्म होने के बाद आप अपने मकान, दुकान, प्रतिष्ठान की अच्छे से साफ सफाई कर धुलाई करें. कोशिश करें कि आप पानी में नमक मिलाकर पूरे घर को अच्छे से धोएं, इसके इसके बाद खाद्य पदार्थों पर गंगाजल छिड़क कर उनको शुद्ध करें और उसके बाद ही कुछ खाएं.
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण राजधानी दिल्ली से लेकर कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, पटना, जयपुर, लखनऊ, हैदराबाद, बैंगलोर, उत्तराखंड, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, अहमदाबाद, पुणे, नागपुर, भोपाल, चंडीगढ़, मथुरा, लेह, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, श्रीनगर और मध्य प्रदेश में दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण के दौरान इन जगहों पर रहने वाले लोगों को ख़ास सावधानी बरतनी चाहिए.
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और पीड़ित लोगों को ख़ास तौर पर सावधानी बरतनी चाहिए, सूर्य ग्रहण के समय राहु-केतु और सूर्य का प्रभाव ज्यादा हो जाता है, इसलिए गर्भ में पल रहे बच्चों की कुंडली में इन ग्रहों से संबंधित दोष आ सकते है, ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इस दौरान बचना चाहिए.
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