Surya Grahan 2019 on 2 July: इस साल 2 जुलाई को दूसरा सूर्यग्रहण पड़ रहा है. दूसरे सूर्यग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे तक रहेगी. इस साल का पहला सूर्यग्रहण 5 जनवरी 2019 को पड़ा था. आने वाले लगभग सौ साल बाद वर्ष 2114 में ही भारत के मैदानी भागों में पूर्ण सूर्यग्रहण को देखा जा सकेगा. 2 जुलाई को पड़ने वाले इस पूर्ण सूर्यग्रहण को दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर और दक्षिण मध्य अमेरिका एंव अर्जेंटीना में देखा जा सकेगा. भारत में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा.
नई दिल्ली. Surya Grahan 2019 on 2 July: इस साल 2 जुलाई को दूसरा सूर्य ग्रहण पड़ रहा है. दूसरे सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे तक रहेगी. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 5 जनवरी 2019 को पड़ा था. आने वाले लगभग सौ साल बाद वर्ष 2114 में ही भारत के मैदानी भागों में पूर्ण सूर्य ग्रहण को देखा जा सकेगा. हालांकि इससे पहले 20 मार्च 2034 को भारत के कारगिल के दुर्गम पहाड़ों में पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा.
2 जुलाई को पड़ने वाले इस पूर्ण सूर्यग्रहण को दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर और दक्षिण मध्य अमेरिका एंव अर्जेंटीना में देखा जा सकेगा. भारत में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा. दरअसल 2 जुलाई को पड़ने वाला ये सूर्य ग्रहण भारत में इसलिए दिखाई नहीं देगा क्योंकि ये भारतीय समयानुसार रात 10 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 3 बजकर 21 मिनट तक चलेगा.
बता दें कि सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के सीधी रेखा में आ जाने से होने वाली सूर्यग्रहण की घटना चार तरह की होती है, जिसे आंशिक सूर्य ग्रहण, केकड़ाकार सूर्य ग्रहण, पूर्ण सूर्य ग्रहण और हाईब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जाता है. बीते 5 हजार वर्षों में कुल 1 हजार 808 सूर्यग्रहण पड़े हैं, जिनमें आंशिक सूर्य ग्रहण लगभग 35 प्रतिशत, केकड़ाकार सूर्य ग्रहण 33 प्रतिशत. पूर्ण सूर्य ग्रहण 27 प्रतिशत और हाईब्रिड सूर्य ग्रहण करीब 5 प्रतिशत रहे हैं.
एक साल के भीतर कम से कम दो और अधिक्तम 5 सूर्य ग्रहण पड़ सकते हैं. भारत के लोगों को पूर्ण सूर्य ग्रहण के लिए लंबा इंतजार करना होगा. 20 मार्च 2034 को पड़ने वाले पूर्ण सूर्य ग्रहण को भारत के कारगिल और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी भागों में देखा जा सकेगा. इसके बाद 3 जून 2114 को पड़ने वाले पूर्ण सूर्य ग्रहण को भारत के मैदानी इलाकों मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल में देखा जा सकेगा.
ग्रहण शुरू होने से पहले खाने की बनी हुई चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रखें. दूध में भी तुलसी डालना ना भूलें. कहा जाता है कि तुलसी के पत्ते ग्रहण के समय निकलने वाली हानिकारक तरंगों से भोजन को दूषित होने से बचा लेता है. ग्रहण काल के बाद स्नान करना चाहिए और घरों आदि की सफाई अवश्य करें. ग्रहण काल के समाप्त होने के बाद पूरे घर में झाडू लगाकर गंगाजल का छिड़काव करके उसे शुध्द करें. मंदिर या मंदिर घर को गंगाजल छिड़ककर शुध्द करें और धूप-दीप कर उन्हें भोग लगाएं. ग्रहण खत्म होने के बाद गरीब और जरूरतमंद को अनाज, कपड़े और पैसे दान करें.
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