16 फरवरी 2018 को इस वर्ष का दूसरा ग्रहण लगेगा. यह आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा. भारतीय समय अनुसार यह ग्रहण 16 फ़रवरी को 12:25 am पर शुरू होगा एवं इसका मोक्ष काल प्रातः 4 बजे होगा. इस ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को खास तौर पर घर से बाहर नहीं जाएं.
नई दिल्ली: इस वर्ष का दूसरा ग्रहण 15 दिन के अंदर ही 16 फ़रवरी को लगेगा. यह आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा एवं जंबु द्वीप यानी की भारत में इसका असर नहीं पड़ेगा और इसीलिए भारत में इसका सूतक़ भी नहीं माना जाएगा. यह ग्रहण दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर, आर्जेंटीना , चिली, ब्राजील और अंटार्कटिका आदि देशों में दिखाई देगा. भारतीय समय अनुसार यह ग्रहण 16 फ़रवरी को 12:25 am पर शुरू होगा एवं इसका मोक्ष काल प्रातः 4 बजे होगा.
गौरतलब है कि इस साल का पहला ग्रहण 31 जनवरी को पड़ा था उसके 15 दिन के पश्चात ही दूसरा ग्रहण पड़ रहा है. प्रकृतिक विपदाओं द्वारा ग्रस्त यह ग्रहण काफी हानिकारक हो सकता है. बता दें कि सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे का माना जाता है और चंद्र ग्रहण का सूतकक 9 घंटे का माना जाता है. सूतक़ के समय या फिर ग्रहण के समय कई नियमों का पालन करना चाहिए. जैसे ग्रहण के समय बाहर जाना, मंदिर जाना, खाना खाना, कंघी करना, चाक़ू आदि के काम करना, मंजन करना और मल – मूत्र करना वर्जित है. वहीं गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को खास तौर पर ग्रहण के समय बाहर नहीं जाना चाहिए.
दरअसल ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बहुत ज़्यादा होता है. जैसे की अल्ट्रा वोईलेट किरणे हमें नहीं दिखाई देती उसी तरह से हमें नकारात्मक ऊर्जा भी दिखाई नहीं देती हैं लेकिन ये अपना असर जजरूर दिखाती हैं. वहीं ग्रहण के समय राहु-केतु का प्रभाव भी अधिक होता है जिस वजह से भावनात्मक एवं मानसिक तौर पर ऐंज़ाइयटी ज़्यादा बन जाती है. अब हम आपको बताते हैं कि सूतक/ ग्रहण के समय क्या करना चाहिए.
ग्रहण के समय सबसे पहले खान पान की चीज़ों पर कुश घास एवं तुलसी के पत्ते अवश्य डालें. इन दोनो में ही नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने की तासीर होती है. ग्रहण के समय गंगाजल साथ में रखना भी शुभ माना गया है. ग्रहण के समय मंत्र जाप, यंत्र सिद्धि, रुद्राक्ष सिद्धि अत्यंत शुभ होती है. मंत्र जाप आप मानसिक या बोल कर कर सकते हैं. ऐसा करने से मानसिक, शारीरिक एवं आत्मीय आंतरिक तौर पर एक अच्छा बैलेन्स बना रहता है एवं व्यक्ति के विचार सुलझे रहते हैं. तंत्र शास्त्र में ग्रहण को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है एवं इसका उपयोग तंत्र, मंत्र, यंत्र सिद्धि के लिए किया जाता है.
वहीं ग्रहण के पश्चात स्नान आदि कर अपने भार का दशम अंश अन्न किसी ग़रीब को दान करना चाहिए. पहने हुए कपड़े भी दान कर देने चाहिए. ग्रहण काल में कोई खाना बना हुआ पड़ा हो तो उसे फेंक देना चाहिए या फिर किसी जानवर को खिला सकते हैं. शुद्ध होकर घर के मंदिर में दिया जलाएं एवं धूप बाती दिखाएं. कपूर-लोबान जला कर उसकी धूनी पूरे घर में दिखाएं ताकि किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा वहां से हट जाएं. इसके पश्चात गंगा जल के छींटे अपने ऊपर एवं पूरे घर में छिड़कें.
ग्रहण का सामाजिक, आर्थिक असर भी काफी मायन रखता है. दरअसल ग्रहण के साथ साथ प्रकृतिक विपदाओं की आशंका रहती है. भूकंप, आगजनी, बाड़, सुनामी, शेयर मार्केट में अचानक उतार चड़ाव, किसी बड़े नामी व्यक्ति का देहांत, बड़े ऐक्सिडेंट, सत्ता पलट, बॉर्डर टेन्शन जैसी स्तिथियां अमूमन रहती हैं. समाज में कोई एक वर्ग आपस में लड़ भिड़े यह भी ग्रहण के आस पास ज़्यादा होता देखा गया है.
15 फरवरी को साल का पहला सूर्य ग्रहण 2018, इन बातों का रखें खास ख्याल
Solar Eclipse 2018: सूर्य ग्रहण 2018 15 फरवरी को, जानें किस राशि पर पड़ेगा क्या असर