नई दिल्ली. ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्य ग्रहण का प्रभाव समस्त संसार पर होता है. सभी 12 राशियों को इसके अच्छे-बुरे प्रभाव झेलने होते हैं. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून, गुरुवार को है. इसी दिन शनि जयंती और ज्येष्ठ अमावस्या भी है. ये सूर्य ग्रहण इसलिए खास है क्योंकि शनि जयंती पर ग्रहण का योग करीब 148 साल बाद बना है. इससे पहले शनि जयंती पर सूर्य ग्रहण 26 मई 1873 को हुआ था. हालांकि भारत में यह ग्रहण आंशिक तौर पर नजर आएगा. लेकिन ज्योतिषाचार्यों का मत है कि इस समय में नियमों का पालन करना चाहिए.
क्या बरतनी चाहिए सावधानी
आपको बता दें कि ग्रहण का धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व भी होता है. भारत में यह आंशिक तौर पर नजर आने वाला है. हालांकि, ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस दौरान नियमों का पालन करना चाहिए.
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें, क्या नहीं
ग्रहण समाप्त होने के पश्चात गंगाजल से स्नान व घर को शुद्ध करना चाहिए
किसी भी ग्रहण के दौरान भोजन करना वर्जित माना गया है. हालांकि, बुजूर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह लागू नहीं होता.
किसी भी नए कार्य की शुरूआत नहीं करनी चाहिए
घर या दफ्तर में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए.
ग्रहण के दौरान नाखून, बाल, दाढी काटने से बचना चाहिए, कंघी करना भी वर्जित होता है.
ग्रहण के समय सोने की भूल नहीं करनी चाहिए.
साथ में चाकू या धारदार चीजों को नहीं रखना चाहिए
यदि पका हुआ भोजन है तो उसमें तुलसी पत्ता डाल देना चाहिए
इस दौरान अपने इष्ट देव को तो पूजना ही चाहिए साथ ही साथ भगवान का मंत्र जाप भी करते रहना चाहिए.
ग्रहण के दौरान घर के मंदिर में भी पूजा नहीं करनी चाहिए साथ ही साथ मंदिर का कपाट तक बंद रखना चाहिए.
सूर्य ग्रहण के बाद दान-पुण्य जरूर करना चाहिए.
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