Surya Dev Jal Arghya Vidhi: सूर्य देव की पूजा अराधना का विधान रविवार के दिन बताया जाता है. माना जाता है कि रविवार के दिन पूजन से घर में प्रवेश कर चुकी दरिद्रता दूर होती है और मान सम्मान बढ़ता है. साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.
नई दिल्ली. रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा अराधना का विधान बताया गया है. कहा जाता है कि जो भी इस दिन सच्चे दिल से सूर्य देव को जल अर्घ्य देता है, उसे जीवन में किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा से आपके घर में प्रवेश कर चुकी दरिद्रता दूर होती और मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है. इतना ही नहीं, आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए भी सूर्य देव की पूजा की जाती है.
शास्त्रों के अनुसार, अगर सूर्य देव अपने भक्तों की पूजा से प्रसन्न हो जाएं तो उनके जीवन में आ रहे सभी संकट दूर कर देते हैं. इसी वजह से रविवार के दिन सूर्य देव को जल अर्घ्य देने का काफी विशेष महत्व कहा गया है. कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति दुनियादारी के सभी कार्यों के साथ-साथ समय निकालकर रविवार के दिन सच्चे दिल से सूर्य देव की पूजा औऱ व्रत करता है तो उसके जीवन में आ रहे संकट दूर हो जाते हैं.
इसी वजह से कहा जाता है कि रविवार के दिन भक्त को सूर्य देव की पूजा और व्रत जरूर करना चाहिए. इसके साथ ही सुबह उठकर सूर्य भगवान पर जल अर्पित करें. ऐसा करने आपके ऊपर भगवान की कृपा बरसेगी और भाग्य चमक जाएगा. नीचे पढ़िए सूर्य देव को जल चढ़ाने की विधि.
सूर्य देव को जल चढ़ाने की विधि
रविवार के दिन सबसे पहले सुबह उठकर नहाकर साफ सुथरे कपड़े पहने और भगवान को जल अर्घ्य देने की तैयारी कर लें. खासतौर पर ध्यान रहे कि जिस लौ टे से जल चढ़ाएंगे वह सिर्फ तांबे का ही होना चाहिए. भूलकर भी किसी अन्य धातू से बने बर्तन का इस्तेमाल न ही करें. सूर्य देव पर जल चढ़ाने के लिए तांबे के लौटे में चावल और पुष्प डालकर जल अर्पित कर लें.
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