Somavati Amavasya 2021: हम सभी की राशियों में कोई न कोई दोष होता ही है. लेकिन जीवन में सबसे ज्यादा पितृ दोष का भय ज्यादा लगा रहता है. जिसके लिए हर अमावस्या पर पितरो की पूजा की जाती है. माना जाता है कि जिन लोगों की जन्म कुंडली में पितृ दोष है, वे इस दिन पितरों की पूजा करके अपने पितृ दोष को दूर कर सकते हैं
नई दिल्ली : हिंदू धर्म में सभी व्रत,अमावस्या,पूजा,विधि की अपनी एक विशेषता होती है. साल में कई ऐसे त्यौहार भी आते हैं जो हमारे जीवन में काभी अहम भूमिका निभाते हैं. उनमें से एक है सोमवती अमावस्या. हालांकि साल में 12 अमावस्या होती हैं. जिनका अपना अलग-अलग महत्व होता है. पंचांग के अनुसार भी अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है और कहा गया है कि इस दिन पूजा और व्रत करने से जीवन में कई गुना पुण्य और लाभ प्राप्त होता है.
हम सभी की राशियों में कोई न कोई दोष होता ही है. लेकिन जीवन में सबसे ज्यादा पितृ दोष का भय ज्यादा लगा रहता है. जिसके लिए हर अमावस्या पर पितरो की पूजा की जाती है. माना जाता है कि जिन लोगों की जन्म कुंडली में पितृ दोष है, वे इस दिन पितरों की पूजा करके अपने पितृ दोष को दूर कर सकते हैं. मान्यता है कि, अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आर्शीवाद देते हैं. जिससे जीवन में दांपत्य जीवन, धन, जॉब और व्यापार संबंधी बाधाएं दूर होती हैं.
इस साल, पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल को मनाई जा रही है. साथ ही इस बार सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है. अगर आप भी अपने मंगलमय जीवन की कामना करते हैं तो इस दिन पितरों की पूजा जरूर करें. ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. बता दें कि सोमवती अमावस्या को चैत्र अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा यह अमावस्या हर साल सोमवार के दिन मनाई जाती है इसलिए इसे सोमवती अमावास्या कहा जाता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पितरों की पूजा करनी चाहिए और दान करना चाहिए. लेकिन इस दिन भूल कर भी किसी का अनादर करने से बचना चाहिए.
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