Ramayan: हिंदुओ के पवित्र ग्रंथ रामायण में शूर्पणखा एक अहम पात्र है। उसके बारे में सभी जानते हैं कि लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी थी। वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस, साकेत, रामचन्द्रिका, साकेत सन्त व पंचवटी आदि ग्रंथों में शूर्पणखा के बारे में बताया गया है। लेकिन क्या आपको पता है कि जिस बहन के लिए […]
Ramayan: हिंदुओ के पवित्र ग्रंथ रामायण में शूर्पणखा एक अहम पात्र है। उसके बारे में सभी जानते हैं कि लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी थी। वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस, साकेत, रामचन्द्रिका, साकेत सन्त व पंचवटी आदि ग्रंथों में शूर्पणखा के बारे में बताया गया है। लेकिन क्या आपको पता है कि जिस बहन के लिए रावण ने सीता का अपहरण करके राम से बैर लिया, उसने अपने भाई को श्राप दे रखा था। शूर्पणखा के बारे में यह भी कहा जाता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण उसके पति थे। आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी।
शूर्पणखा ऋषि विश्वश्रवा और कैकसी की पुत्री व लंका नरेश रावण की बहन थी। कुबेर को हटाकर लंका हासिल करने के बाद रावण ने शूर्पणखा का विवाह कालका के पुत्र दानवराज विद्युविह्वा से कर दिया। रावण जब तीनों लोकों को जीतने के लिए निकला तो उसने एक युद्ध में विद्युविह्वा को मार दिया। अपने ही भाई द्वारा पति की हत्या से शूर्पणखा बेहद दुखी हुई और उसने मन ही मन रावण को शाप दिया कि मैं तेरे सर्वनाश का कारण बनूंगी। ये भी कहा जाता है कि एक बार रावण शूर्पणखा के घर उससे मिलने गया। उसने विद्युविह्वा को विष्णु की उपासना करते हुए देखा, जिससे वो क्रोधित हो गया और उसका वध कर दिया।
कहते हैं कि पूर्व जन्म में शूर्पणखा इन्द्रलोक की अप्सरा थी। उसका नाम नयनतारा था। एक बार इंद्र के कहने पर उसने व्रजा नामक ऋषि की तपस्या भंग कर दी। इसके बाद उन्होंने शूर्पणखा को राक्षसी होने का शाप दे दिया। किवंदती है कि शूर्पणखा ने महादेव की आराधना की थी। भगवान शिव ने उसे वरदान दिया कि 28वें द्वापर युग में जब श्रीराम कृष्ण के अवतार में आयेंगे तो कुब्जा के रूप में तुम्हें उनसे पति का सुख मिलेगा। श्रीकृष्ण ही तुम्हारी कूबड़ ठीक करेंगे तब जाकर तुम वापस नयनतारा अप्सरा बनकर स्वर्गलोक में वापस आ पाएगी।