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Puja Vidhi: क्या आप जानते हैं की किस लोटे से करना चाहिए शिवलिंग पर जल अर्पित

नई दिल्ली: हिंदू धर्म और शास्‍त्रों में सभी देवी-देवताओं की पूजा विधि के बारे में बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि पूरे विधि के साथ पूजा करने से भगवान बहुत प्रसन्‍न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाओं को भी पूरा करते हैं। वहीं भगवान शिव की पूजा के बारे में धर्म-शास्‍त्रों बताया गया […]

Shivling Puja Vidhi
inkhbar News
  • February 8, 2024 4:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: हिंदू धर्म और शास्‍त्रों में सभी देवी-देवताओं की पूजा विधि के बारे में बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि पूरे विधि के साथ पूजा करने से भगवान बहुत प्रसन्‍न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाओं को भी पूरा करते हैं। वहीं भगवान शिव की पूजा के बारे में धर्म-शास्‍त्रों बताया गया है। वैसे तो भोलेनाथ को प्रसन्‍न करना सबसे आसान होता है। शास्‍त्रों के मुताबिक शिवजी ऐसे भगवान हैं जो अपने भक्‍तों से जल्‍दी(Shivling Puja Vidhi) प्रसन्‍न हो जाते हैं। चलिए अब जानते हैं किस लोटे से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और कैसे?

किस लोटे से चढ़ाएं जल?

जानकारी दे दें कि शास्‍त्रों के मुताबिक शिवलिंग पर गलती से भी स्‍टील(Shivling Puja Vidhi) के लोटे या पात्र से जल अर्पित न करें। दरअसल, स्‍टील या लोहे पर शनि व राहु का प्रभाव रहता है। इसीलिए ऐसे में इस पात्र से शिवलिंग पर जल अर्पित करना अशुभ माना जाता है। वहीं हमेशा शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाना चाहिए।

इन बातों का जरूर रखें ध्यान

  • अक्सर शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें। जानकारी दे दें कि इस दिशा में जल चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा में जल चढ़ाने से शिवजी प्रसन्‍न होकर आपकी सभी मुरादें पूरी करते हैं।
  • बता दें कि पूर्व दिशा की ओर मुख करके कभी भी शिवलिंग पर जल अर्पित नहीं करना चहिए। दरअसल, इस दिशा को भगवान शिव का मुख्‍य द्वार माना गया है। यही कारण है कि इस दिशा में जल अर्पित करने से शिव जी नाराज हो सकते हैं।
  • इसके अलावा उत्‍तर दिशा और पश्चिम दिशा की ओर भी मुख कर के शिवलिंग पर जल अर्पित न करें। दरअसल इन दिशाओं में भगवान शिव का कंधा व पीठ होती है। यही कारण है कि इस दिशा में जल चढ़ाने से पूजा का फल नहीं मिलेगा।
  • बहुत जल्दबाजी में शिवलिंग पर जल अर्पित न करें बल्कि एक छोटी धारा बनाकर शिवलिंग पर अराम से जल चढ़ाएं।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। जिसका किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं की गई है। यहां दी गई किसी भी जानकारी या मान्यता पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)

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