Sheetala Ashtami 2019 Puja Mantra: हिन्दू पंजाग में चैत्र कृष्णपक्ष को महाशक्ति के अनंतरुपों में से एक शीतला माता की पूजा अर्चना काफी प्राचीन समय से होते आ रही है. मां शीतला की पूजा अराधना से संक्रमित बिमारियां, दैहिक तापों ज्वर, आदि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिल जाती हैं.
नई दिल्ली. Sheetala Ashtami 2019 Puja Mantra: हिन्दू पंजाग के अनुसार चैत्र कृष्णपक्ष को महाशक्ति के अनंतरुपों में से एक शीतला माता की पूजा अर्चना काफी प्राचीन समय से होते आ रही है. मां शीतला की पूजा अराधना से संक्रमित बिमारियां, दैहिक तापों ज्वर, आदि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिल जाती हैं. यदि आप यह पूजा करते हैं तो आपकी पूजा साधना से प्रसन्न होकर मा शीतला ज्वर, चेचक, कुष्ट रोग, दाहज्वर, फोड़े, चर्मरोग आदि से मुक्त होने का आशिर्वाद प्रदान करती हैं.
Sheetala Ashtami 2019 दैहिक तापों से मिलेगी मुक्ति
अगर आप शारीरिक और मानसिक रोगों से ग्रसित हैं तो, माता शीतला के आशिर्वाद से ये रोग आपके दूर हो जाएंगे. मां शीतला के अनुकंपा से आपका शरीर धर्मचरण कर पाता है. इस रोग से मुक्ति पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें.
शीतले त्वं जगमाता शीतले त्वं जगत्पिता
शीतले त्वं जगध्दात्री शीतले नमो नम:
अर्थात– हे माता शीतला! आप ही इस संसार की आदि माता हैं, आप ही पिता और आप ही इस चराचर जगत को धारण करतीं हैं, अत: आप को बारंबार नमस्कार है.
Sheetala Ashtami 2019: माता शीतला वंदना मंत्र
वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।
मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्।।
अर्थात- मैं गर्दभ पर विराजमान, दिगंबरा, हाथ में झाड़ू तथा. कलश धारण करने वाली, सूप से अलंकृत मस्तक वाली भगवती शीतला की वंदना करता हूं. इस वंदना मंत्र से यह पूर्णत: स्पष्ट हो जाता है कि ये स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी हैं. हाथ में झाड़ू होने का अर्थ है कि हम लोगों को भी सफाई के प्रति जागरूक होना चाहिए. कलश में सभी तैतीस करोड़ देवी देवाताओं का वास रहता है, अतः इसके स्थापन-पूजन से घर-परिवार में समृद्धि आती है.
Sheetala Ashtami 2019: जनकल्यान के लिए शीतलाष्टक
स्कन्द पुराण में इनकी अर्चना का स्तोत्र ”शीतलाष्टक” के रूप में प्राप्त होता है. इस स्तोत्र की रचना भगवान शंकर ने जनकल्याण के लिए की थी. शीतलाष्टक शीतला देवी की महिमा गान करता है. साथ ही मां शीतला की उपासना भी प्रेरित करता है. इसके साथ ही मां शीतला की पूजा अर्चना भारत के उत्तरपूर्व के राज्यों बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है.
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निरोगी होने के लिए मंत्र, माता शीतला के पौरणिक मंत्र ऊँ ह्रीं श्रीं शीतलायै नम: इस मंत्र की जाप से सभी प्राणियों को संकट से मुक्ति दिलाते हुए समाज में सम्मान, पद एंव गरीमा की वृद्धि कराता है. जो भी मनुष्य इस सच्चे भाव से मां शीतला के इस मंत्र को जाप करते हुए उनकी अराधना करता है. मां शीतला उस पर अनुग्रह करती है और उनके घर परिवार को सभी विपत्तियों से रक्षा करती हैं.
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