नई दिल्ली. शारदीय नवरात्र 29 सितंबर से शुरू हो चुका है और यह चलेगा 7 अक्टूबर तक चलेगा. इन नौ दिनों में दुर्गा मां के 9 शक्तियों की अलग-अलग पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्रि के दिनों में खाने-पीने की चाजों का खास ध्यान रखना पड़ता है. इन नौ दिनों तक साधक अपने इंद्रियों और मन को शांत रखके अपने अंदर की उर्जा को विकसित करता है. इससे रोग, दोष, शारीरिक और मानसिक विकार दूर होती है साथ में घरों में समृद्धि आती है. नवरात्रि में नवरात्र करने वाले के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिसमें भोजन का प्रमुख स्थान है. नवरात्रि के दौरान 9 चीजों का सेवन धार्मिक पुराणों में वर्जित बताया गया है.
1. नवरात्र में मांसाहार करना वर्जित है.
नवरात्र में दुर्गा माता की उपासना की जाती है. पूजा के दौरान खाने के लिए किसी जीव की हत्या नहीं करनी चाहिए. साधक को जीवों के ऊपर दया का भाव रखना चाहिए और अपने मन वचन से शांत रहना चाहिए.
2. नवरात्र में मसूर दाल का सेवन बिल्कुल ना करें.
धार्मिक दृष्टि कोण से मसूर दाल को अपवित्र माना गया है. इसके सेवन से तामसिक और उग्र विचारों का संचार होता है. जबकि साधना के लिए सत्व गुण का होना जरूरी होता है.
3. नवरात्र में बैंगन का भी सेवन करना वर्जित है.
बैंगन को भी मसूर की तरह रजोगुण वर्धक माना गया है. इससे त्वाचा रोग और उग्र विचारों का संचार होता है. यह सात्विक भावों को कम करता है.
4. नवरात्र में लहसून और प्याज का सेवन करना मना है.
इसके सेवन से तमोगुण वर्धक में वृद्धि होता है और काम भाव बढ़ाता है. शास्त्रों में इसे राक्षसी भोजन कहा गया है.
5 . नवरात्र में मूली खाने से परहेज करें .
इसके सेवन से रजो और तमोगुण की वृद्धि होती है इसलिए नवरात्र के दौरान मूली का सेवन नहीं करना चाहिए. आयुर्वेद के अनुसार यह वात वर्घक है.
6. नवरात्र के समय में हींग के सेवन से बचें.
हींग को भी अपवित्र की श्रेणी में रखा गया है. इसके सेवन से उत्तेजना में वृद्धि होता है. जो मन की एकाग्रता को भंग करता है.इसलिए हींग को व्रत के दौरान नहीं खाने की बात कहीं गई है.
7. नवरात्र में सीताफल का सेवन करना वर्जित है.
नवरात्र पूजन के दौरान सीताफल को नहीं खाना चाहिए. इससे भी रजोगुण में वृद्धि होता है. जिससे पूजा के दौरान एकाग्रता भंग होता है.
8. नवरात्र के समय में गाजर के सेवन से परहेज करें.
गाजर भूमि के नीचे होने का कारण शास्त्रों में अपवित्र माना जाता है. इससे भी रजोगुण में वृद्धि होता है. जिससे पूजा के दौरान एकाग्रता भंग होता है.
9. नवरात्र में बासी और जला हुआ भोजन ना करें.
शास्त्रों में बासी भोजन को तामसिक और रोगवर्धक बताया गया है. इन्हें अपवित्र भोजन की श्रेणी में रखा गया है. इसलिए नवरात्र के दौरान बासी और जला हुआ भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए.
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