Shardiya Navratri 2019: इस नवरात्र बन रहे हैं ये शुभ संयोग, मां दुर्गा की पूजा करने से मिलेगा कई गुणा फल

Shardiya Navratri 2019: 29 सितंबर, रविवार से शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहे हैं. हिंदू धर्म में नवरात्र का बड़ा महत्व होता है. पुराणों के अनुसार इस दिन माता कैलाश पर्वत से धरती पर अपने मायके आती हैं. खास बात यह है कि इस बार नवरात्रों में बेहद दुर्लभ शुभ संयोग बन रहा है.

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Shardiya Navratri 2019: इस नवरात्र बन रहे हैं ये शुभ संयोग, मां दुर्गा की पूजा करने से मिलेगा कई गुणा फल

Aanchal Pandey

  • September 23, 2019 7:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. 29 सितंबर, रविवार से शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहे हैं. हिंदू धर्म में नवरात्र का बड़ा महत्व होता है. पुराणों के अनुसार इस दिन माता कैलाश पर्वत से धरती पर अपने मायके आती हैं. खास बात यह है कि इस बार नवरात्रों में बेहद दुर्लभ शुभ संयोग बन रहा है. बता दें, इस बार नवरात्र में सर्वार्थसिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग एकसाथ बनते नजर आएंगे. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस सर्वसिद्धि योग को बेहद शुभ माना जा रहा है. इस बार पूरे 9 दिनों तक नवरात्रि होगा. इस नौ दिनों में 2 सोमवार होंगे जो काफी शुभ माना जा रहा है. माना जाता है कि सोमवार के दिन मां दुर्गा की उपासना करने से साधक को उसके द्वारा की गई पूजा का कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है. इसके अलावा नवरात्र के इन नौ दिनों में से 6 दिन विशेष योग बनने वाले हैं.

इस बार विजयदशमी होगा शुभ

इस बार 7 अक्टूबर को दोपहर 12:38 बजे तक नवमी मनाई जाएगी. जिसके बाद दशमी अगले दिन 8 अक्टूबर दोपहर 2:1 मिनट तक रहने वाली है. ज्योतिष के अनुसार यह बेहद शुभ माना गया है.

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
इस बार मां दुर्गा की कलश स्थापना करन का शुभ मुहूर्त सुबह के 6 बजकरस 16 मिनट से लेकर 7 बजकर 40 मिनट तक रहने वाला है. जो सुबह कलश स्थापना नहीं कर पा रहे वह 11 बजकर 48 मिनट से लेकर 12 बजकर 35 मिनट तक का समय कलश स्थापना कर सकते है. इस समय कलश स्थापना करना काफी शुभ माना जा रहा है.

कलश स्थापना करने का तरिका
नवरात्रि के पहले दिन जो मां दुर्गा के लिए कलश स्थापना की जाती है. इस दिन व्यक्ति को नदी की रेत का उपयोग करना चाहिए. इस रेत में जौ डालने के बाद कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, रोली, कलावा, चंदन, अक्षत, हल्दी, रुपया, पुष्पादि डालें. इसके बाद ‘ॐ भूम्यै नमः’ कहते हुए कलश को 7 अनाज के साथ रेत के ऊपर स्थापित कर दें, कलश की जगह पर नौ दिन तक अखंड दीप जलते रहें.

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