नई दिल्ली. Sharad Purnima : त्योहारों का सीज़न चल रहा है, नवरात्रि का अभी समापन हुआ है और कुछ ही दिनों में दिवाली आने वाली है. दिवाली का उत्साह अभी से देखने को मिल रहा है. वहीं, हर महीने में पूर्णिमा आती है, लेकिन इन सब में शरद पूर्णिमा का महत्व सबसे ज्यादा है. हिंदू […]
नई दिल्ली. Sharad Purnima : त्योहारों का सीज़न चल रहा है, नवरात्रि का अभी समापन हुआ है और कुछ ही दिनों में दिवाली आने वाली है. दिवाली का उत्साह अभी से देखने को मिल रहा है. वहीं, हर महीने में पूर्णिमा आती है, लेकिन इन सब में शरद पूर्णिमा का महत्व सबसे ज्यादा है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, शरद पूर्णिमा बहुत ख़ास होती है, वहीं पौराणिक ग्रंथों में भी शरद पूर्णिमा का उल्लेख किया गया है. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नज़दीक होता है, ऐसे में इस दिन चाँद के दर्शन करना तो बहुत ही शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं. बता दें, इस साल शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर को पड़ रही है.
जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है या फिर राहु-केतु का प्रभाव रहता है उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में इन लोगों को शरद पूर्णिमा के दिन कुछ ख़ास उपाय करने चाहिए.
सबसे पहले श्रद्धापूर्वक दूध, चावल, घी और चीनी तथा मेवे डालकर खीर बना लें, इसके बाद एक चांदी की थाली, तश्तरी या फिर स्टील की कटोरी लें और इसमें खीर डाल लें, अगर आपके पास चांदी के बर्तन नहीं हैं तो आप पीतल या कांच के बर्तन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके बाद एक पात्र में केसर को घिसकर रख लें और अनार के पेड़ की सूखी हुई लकड़ी को इससे कलम बना लें, इसके बाद इसी कलम से केसर से चांदी या किसी किसी अन्य बर्तन में ‘ओम चंद्र चंद्राय नमः’ का मंत्र लिख दें फिर उसी में खीर निकालकर चंद्रमा के आगे रख दे. इसके बाद आधी रात में चंद्रमा से इसमें अमृत वर्षा होने दें और सुबह उठकर इस प्रसाद को ग्रहण कर लें.
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