नई दिल्ली. त्योहारों का सीज़न चल रहा है, नवरात्रि का अभी समापन हुआ है और कुछ ही दिनों में दिवाली आने वाली है. दिवाली का उत्साह अभी से देखने को मिल रहा है. वहीं, हर महीने में पूर्णिमा आती है, लेकिन इन सब में शरद पूर्णिमा का महत्व सबसे ज्यादा है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, […]
नई दिल्ली. त्योहारों का सीज़न चल रहा है, नवरात्रि का अभी समापन हुआ है और कुछ ही दिनों में दिवाली आने वाली है. दिवाली का उत्साह अभी से देखने को मिल रहा है. वहीं, हर महीने में पूर्णिमा आती है, लेकिन इन सब में शरद पूर्णिमा का महत्व सबसे ज्यादा है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, शरद पूर्णिमा बहुत ख़ास होती है, वहीं पौराणिक ग्रंथों में भी शरद पूर्णिमा का उल्लेख किया गया है. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नज़दीक होता है, ऐसे में इस दिन चाँद के दर्शन करना तो बहुत ही शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं. बता दें, इस साल शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर यानी आज पड़ रही है.
अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा तिथि रविवार, 09 अक्टूबर 2022 को सुबह 03 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी और ये पूर्णिमा तिथि अगले दिन सोमवार, 10 अक्टूबर 2022 को सुबह 02 बजकर 25 मिनट तक रहेगी.
शास्त्रों में कहा गया है कि शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी अपनी सवारी उल्लू पर सवार होकर धरती पर भ्रमण करने के लिए आती हैं और अपने भक्तों की समस्याओं को दूर करने के लिए उन्हें वरदान भी देती हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था, इसलिए भक्तगण धन की प्राप्ति के लिए इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा ज़रूर करते हैं.
शरद पूर्णिमा के दिन चाँद की रौशनी में रखी गई खीर का सेवन करने की मान्यता है. कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की किरणों में रखी खीर का सेवन करने से रोगों से मुक्ति मिलती है. इस खीर को चर्म रोग से परेशान लोगों के लिए बहुत लाभकारी बताया गया है. ये खीर आंखों से जुड़ी बीमारियों से परेशान लोगों को भी बहुत अच्छी मानी जाती है, इसलिए कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रौशनी में रखी खीर का सेवन ज़रूर करें.’
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